बड़ी खबर : नोएडा और यमुना प्राधिकरण के 5 अफसरों को नन्द गोपाल नन्दी ने किया कार्यमुक्त, जानिए क्यों

नोएडा | 1 साल पहले | Mayank Tawer

Google Image | Nand Gopal Gupta Nandi



Noida News : उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने गुरूवार को कड़ी कार्रवाई करते हुए प्रतिनियुक्ति अवधि पूरी होने के बाद भी शासन की अनुमति के बिना नोएडा प्राधिकरण और यमुना एक्सप्रेसवे औद्यागिक विकास प्राधिकरण में कार्यरत पांच अधिकारियों को कार्यमुक्त करते हुए उन्हें उनके मूल विभागों में वापस किए जाने का आदेश दिया। साथ ही यह भी कहा कि औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में तैनात किसी भी अधिकारी और कर्मचारी द्वारा बरती जा रही अनुशासनहीनता को कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जो भी शासन के आदेशों की अवहेलना करते हुए नियम विरूद्ध कार्य करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इन अफसरों को किया कार्यमुक्त
जिन अधिकारियों को कार्यमुक्त करते हुए मूल विभागों में वापस किए जाने का आदेश दिया गया है, उनमें नगेंद्र प्रबंधक प्रशासन-सामान्य यमुना प्राधिकरण, भीष्म दत्त शर्मा सहायक प्रबंधक सिविल यमुना प्राधिकरण, अमित कुमार सहायक प्रबंधक सिविल नोएडा प्राधिकरण, प्रदीप शर्मा सहायक प्रबंधक सिविल नोएडा प्राधिकरण और राजकुमार सहायक प्रबंधक सिविल नोएडा प्राधिकरण शामिल हैं। 

समय खत्म होने के बावजूद भी कर रहे थे काम
इन पांचों अधिकारियों को तीन वर्ष के लिए प्रतिनियुक्ति पर विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों से नोएडा प्राधिकरण और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में तैनात किया गया था, लेकिन पांचों अधिकारी प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने के आठ महीने या एक वर्ष से अधिक का समय व्यतीत होने के बाद भी डटे हुए थे। अपने मूल मंत्रालय और विभागों में कार्यभार ग्रहण नहीं किए।

आगे भी जारी रहेगा एक्शन : नंद गोपाल नंदी
जिस पर औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने अधिकारियों की इस अनुशासनहीनता को गम्भीरता से लिया। क्योंकि शासन ने प्रतिनियुक्ति पर तैनात अधिकारियों की न तो प्रतिनियुक्ति अवधि बढ़ाई और न ही इनके पैतृक विभाग ने इस सम्बंध में कोई पत्राचार किया। सभी को उनके मूल विभाग प्रत्यावर्तित कर दिया गया। औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने इस प्रकार की अनुशासनहीनता एवं स्वेच्छाचारिता पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि प्राधिकरण स्तर पर जिन अधिकारियों द्वारा ऐसे कार्मिकों को प्रश्रय दिया जा रहा है, उनके विरूद्ध भी कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

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