Gautam Buddh Nagar : सरकार की निर्माण शाखा एनबीसीसी (NBCC) ने नोएडा सेक्टर-76 में संकटग्रस्त रियल एस्टेट डेवलपर आम्रपाली ग्रुप के प्रिंसली एस्टेट (Amrapali Princely Estate) की आवास परियोजना में अप्रयुक्त एफएआर की नीलामी कर दी है। संस्था ने अगस्त के दूसरे सप्ताह में 40 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य के साथ प्रिंसली एस्टेट में अप्रयुक्त एफएआर की बिक्री के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं। जानकारी के मुताबिक पहले अप्रयुक्त एफएआर को 43 करोड़ रुपये में सफलतापूर्वक नीलाम किया गया है। अगले छह महीनों में इसका भुगतान किया जाएगा।
एनबीसीसी आम्रपाली समूह के सात स्थानों पर आवास परियोजनाओं में अप्रयुक्त एफएआर की बिक्री से 1500 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रख चुकी है। संस्था अगले महीने दो और एफएआर की बिक्री करने की योजना बना चुकी है। करीब 2.6 लाख वर्ग फुट एफएसाई की बोली लगाई जा चुकी है। यह राशि तत्कालीन आम्रपाली समूह की अधूरी इकाइयों को पूरा करने में इस्तेमाल की जाएगी।" प्री-बिड जमा करने की अंतिम तिथि 29 अगस्त, 2021 थी। इसके लिए बयाना राशि 4 करोड़ रुपये रखी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने पहले मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉरपोरेशन (MSTC) को बिना बिके एफएआर को बेचने का आदेश दिया था।
38 हजार फ्लैट्स के निर्माण की योजना बनी थी
इससे पहले, एनबीसीसी ने आम्रपाली समूह की 5,000 से अधिक बिना बिकी इकाइयों की बिक्री के लिए संपत्ति सलाहकारों से बोलियां आमंत्रित की थीं। चार ब्रोकरेज फर्म दौड़ में थीं, जिनमें से एनारॉक सफल बोलीदाता के रूप में उभरी। अदालत ने 2019 में सरकार की निर्माण शाखा को आम्रपाली समूह की 38,159 फ्लैटों को निर्माण कर वर्ष 2023 तक पजेशन देने का आदेश दिया था। हजारों घर खरीदारों ने घरों को सौंपने में वर्षों की देरी के बारे में शीर्ष अदालत में शिकायत की थी।
650 करोड़ देगा एसबीआई कैप
आम्रपाली समूह की सभी अटकी परियोजनाओं को पूरा करने की कुल लागत लगभग 8,500 करोड़ रुपये है। एनबीसीसी इन परियोजनाओं को पीएमसी के रूप में क्रियान्वित कर रहा है और इसे फीस के रूप में 8 प्रतिशत मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने 13 अक्टूबर, 2020 को कोर्ट रिसीवर को अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए एसबीआई कैप से फंड लेने के लिए एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) को शामिल करने की अनुमति दी थी। एसबीआई कैप ने लगभग 7,000 अटकी इकाइयों के लिए 650 करोड़ रुपये देने पर सहमती जताई है।
इसीलिए आम्रपाली स्टॉल्ड प्रोजेक्ट्स इन्वेस्टमेंट रिकंस्ट्रक्शन एस्टैब्लिशमेंट (एस्पायर) की स्थापना की गई है। इसमें एक कोर्ट रिसीवर, एक फोरेंसिक ऑडिटर और एक चार्टर्ड अकाउंटेंट होता है। यह कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत एक गैर-लाभकारी कंपनी है। साल 2023 तक आम्रपाली समूह की 38,159 फ्लैट का पजेशन देने का काम एनबीसीसी को सौंपा गया है।