Noida News : शहर में सड़कों के किनारे लगे पेड़-पौधों को दबाते हुए लगाई गई इंटरलॉकिंग टाइल्स को लेकर नया मोड़ आया। इस मामले में एनजीटी ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को बड़ा झटका दिया है। एनजीटी ने सुनवाई के दौरान प्राधिकरण के दोनों सीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस पर चिंतित पर्यावरण कार्यकर्ता विक्रांत तोंगड़ ने एक याचिका दायर की थी।
एनजीटी ने दिया निर्देश
एनजीटी ने विकास प्राधिकरण द्वारा 25 अप्रैल 2024 के आदेश का पालन नहीं करने पर नाराजगी जताई। एनजीटी ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) को शुक्रवार, 9 अगस्त को एनजीटी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है। इस मामले में पिछले कुछ महीनों से एनजीटी सुनवाई कर रहा है। एनजीटी ने पिछले आदेश में निकायों को सड़क किनारे लगाए गए अनावश्यक इंटरलॉकिंग टाइल्स को हटाने का निर्देश दिया था, लेकिन प्राधिकरण ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
कारण बताओ नोटिस जारी
एनजीटी ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए अब सीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एनजीटी ने कहा है कि यदि सीईओ दी गई तारीख तक पेश नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि एनजीटी ने पिछले आदेश में सड़क किनारे लगाए गए अनावश्यक इंटरलॉकिंग टाइल्स को हटाने का निर्देश दिया था, लेकिन निकाय ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। अब एनजीटी ने गंभीरता दिखाते हुए सीईओ को नोटिस जारी किया है। यह मामला पिछले कई महीनों से एनजीटी में लंबित है।
करोड़ों रुपये के नुकसान का जिम्मेदार कौन
पर्यावरण कार्यकर्ता विक्रांत तोंगड़ ने कहा कि वृक्ष मनुष्य के जीवन के लिए बहुत ही लाभकारी हैं और इनके जीवन को बचाने के लिए प्राधिकरण के साथ आम लोगों की भी जिम्मेदारी है। इनकी देखभाल करें प्राधिकरण ने इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाने पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा दिए इस तरह प्राधिकरण को बड़ी भारी आर्थिक हानि झेलनी पड़ रही है। प्राधिकरण को इस तरह बगैर सोचे-समझे इंटरलॉकिंग टाइल्स नहीं लगानी चाहिए थी।