कोरोनावायरस के संक्रमण से जूझ रहे गौतमबुद्ध नगर जिले के निवासियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। जिला प्रशासन ने देर रात एक डैशबोर्ड जारी किया है। यह ऑनलाइन डैशबोर्ड जिले के कोविड-19 अस्पतालों में खाली बिस्तरों की रियल टाइम जानकारी मुहैया करवाएगा। बीमार और उनके परिजन अस्पतालों की मौजूदा हालत से अवगत होते रहेंगे। उन्हें अपनी वेटिंग के बारे में भी जानकारी मिलती रहेगी। पिछले 3 दिनों से जिला प्रशासन इस डैशबोर्ड पर काम कर रहा था।
गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया कि कोरोनावायरस के कारण फैली महामारी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने एक डैशबोर्ड जारी किया है। इस यूआरएल https://gbncovidtracker.in/ पर कोविड-19 अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता के बारे में लाइव जानकारी उपलब्ध रहेगी। जिले के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों को इस डैशबोर्ड से सीधे जोड़ दिया गया है। इसके लिए लोगों को वेबसाइट एक्सेस करनी होगी। जिस पर अलग-अलग श्रेणी के अस्पतालों की सूची और वहां उपलब्ध बिस्तरों का ब्यौरा दिया गया है। वेंटीलेटर, आईसीयू, ऑक्सीजन और सामान्य बिस्तरों का पूरा विवरण उपलब्ध करवाया गया है।
इसके अलावा अस्पतालों की गूगल मैप लोकेशन भी इस डैशबोर्ड पर मिलेगी। अस्पताल से संपर्क करने के लिए कांटेक्ट नंबर भी उपलब्ध है। जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया कि सभी कोविड-19 अस्पतालों में 1-1 नोडल अफसर तैनात किया गया है। नोडल अफसर लगातार बिस्तरों का ब्यौरा अपडेट करते रहेंगे। जिससे जानकारी निरंतर अपडेट होती रहेगी। जिला प्रशासन और नोएडा कोविड-19 कन्ट्रोल रूम निरंतर नोडल अफसरों के संपर्क में रहेगा।
डीएम ने कहा कि यह इनीशिएटिव अस्पतालों में बिस्तर बढ़ाने और पारदर्शिता बनाने के लिए लिया गया है। जिला प्रशासन महामारी से जूझ रहे लोगों को हर संभव और बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिन पहले सभी डीएम को आदेश दिया था कि अस्पतालों में उपलब्ध बिस्तरों का ब्यौरा पारदर्शी और अद्यतन रूप से आम आदमी को मिलना चाहिए।
ऑक्सीजन और वेंटिलेटर बेड उपलब्ध नहीं
आपको बता दें कि इस वक्त गौतमबुद्ध नगर में 809 आईसीयू-वेंटीलेटर बेड हैं। इनमें से कोई भी खाली नहीं है। ऑक्सीजन बेड की संख्या 1,740 है। यह भी सभी भरे हुए हैं और ज़ीरो वैकेंसी है। सामान्य बिस्तरों की संख्या 1,106 हैं। इनमें से 386 पर कोविड-19 मरीज भर्ती हैं। फिलहाल 720 बिस्तर खाली पड़े हुए हैं। मतलब जिन मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं है, ऐसे 720 मरी अभी जिले के अस्पतालों में भर्ती हो सकते हैं।