Noida News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा में फंसे लाखों फ्लैट बायर्स के लिए अच्छी खबर है। अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए दोनों अथॉरिटी ने रास्ता निकाल लिया है। अब को-डेवलपर तलाशे जाएंगे। इसके लिए दोनों विकास प्राधिकरण डेवलपर से आवेदन मांगेगे। को-डेवलपर के लिए बस एक खास शर्त यह होगी कि प्राथमिकता के आधार पर प्राधिकरण का बकाया चुकाएगा। सरकार को उम्मीद है कि इससे फंसे हुए प्रोजेक्ट निकल जाएंगे। दूसरी तरफ अथॉरिटी की नई बिडिंग पॉलिसी के कारण महंगी जमीन नहीं खरीद पा रहे बिल्डरों को काम मिल जाएगा।
यह है नया फार्मूला
पिछले कई वर्षों से बिल्डर न तो प्राधिकरण का पैसा दे रहे हैं और न ही अधूरी परियोजनाओं को पूरा कर रहे हैं। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद नोएडा प्राधिकरण ने बकाया देने के लिए बिल्डरों को नोटिस जारी किए थे। करीब 62 बिल्डरों को नोटिस जारी किए हैं। इन पर करीब 9,000 करोड़ रुपये बकाया हैं। इसमें से सिर्फ 300-400 करोड़ रुपये बिल्डरों ने जमा किए हैं। इसके बाद प्राधिकरण बिल्डरों के लिए री-शेड्यूलमेंट पॉलिसी लेकर आया। करीब तीन महीने तक चली पॉलिसी में शामिल होने 10 बिल्डर ही आए हैं। ऐसे में प्राधिकरण की ओर से योजनाएं लाने के बावजूद बिल्डर आगे नहीं आ रहे हैं। ऐसे में खरीदारों की सहूलियत के लिए प्राधिकरण एक ओर योजना लाने जा रहा है। यह योजना को-डेवलपर की होगी। इसमें कोई डेवलपर किसी परियोजना में वर्तमान बिल्डर का हिस्सेदार बनकर अधूरी परियोजना को पूरी कर सकता है।
डेवेलपर पहले अथॉरिटी का बकाया चुकाएगा
अथॉरिटी के अफसरों का कहना है कि इससे अधूरी पड़ी परियोजना पूरी हो जाएंगी। जिससे लोगों को जल्द फ्लैट मिल सकेंगे। डेवेलपर के लिए शर्त होगी कि वह सबसे पहले प्राधिकरण का बकाया चुकाएगा। को-डेवलपर पॉलिसी लाने के लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने तैयारी शुरू दी है। संभवत: एक महीने के अंदर यह पॉलिसी आ जाएगी। अधिकारियों की मानें तो यह योजना आने के बाद नोएडा से ज्यादा फायदा ग्रेटर नोएडा में देखने को मिलेगा। अधिकारियों ने बताया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 40-45 परियोजनाएं अधूरी हैं। जिनमें 50-60 हजार फ्लैट बनने प्रस्तावित हैं। इनमें से यूनिटेक आदि बिल्डर की कुछ ऐसी परियोजनाएं हैं, जिनमें काम पूरी तरह बंद पड़ा हुआ है। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा में 100-110 परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं।
हर हाल में बकाया वसूल किया जाएगा : सीईओ
दोनों अथॉरिटी की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने कहा, "जो बिल्डर बकाया नहीं दे रहे हैं, प्राधिकरण ने उनके यहां बिना बिकी संपत्तियों को सील करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। अभी और सीलिंग की जाएगी। इसके बाद बिना बिकी संपत्ति की नीलामी की जाएगी। इसके बाद आरसी जारी करने का विकल्प होगा। किसी भी बिल्डर पर बकाया छोड़ा नहीं जाएगा।"