Noida News : शहर की पुरानी लो-राइज हाउसिंग सोसायटियों में रह रहे हजारों परिवारों के लिए अच्छी खबर है। अब इन इमारतों में भी लिफ्ट लगाई जा सकेंगी। निवासियों को बस नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) से अनुमति लेनी है। शहर के सेक्टर-25 की तीन इमारतों में लिफ्ट लगाने की मंजूरी नोएडा प्राधिकरण ने दे दी है। प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि लिफ्ट लगाने की मंजूरी मजबत इमारतों के लिए ही दी जाएगी।
कैसे लागू हुई शहर में यह पॉलिसी
प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि शहर के अलग-अलग सेक्टरों में बनी 3 और 4 मंजिल की हाऊसिंग सोसाइटियों में लिफ्ट लगाने के लिए लोग काफी समय से मांग कर रहे थे। खासकर जहां बुजुर्ग रहते हैं। इन मांगों के आधार पर नोएडा प्राधिकरण ने नई नीति लागू करने का निर्णय लिया। नए नियम बनते ही नोएडा प्राधिकरण में मंजूरी के लिए आवेदन आने शुरू हो गए हैं। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि आए आवेदनों में से तीन सोसाइटी में लिफ्ट लगाने की मंजूरी दे दी गई है। यह सेक्टर-25 की सोसाइटी हैं। यह मंजूरी बुजुर्गों की समस्याओं और इमारत में रहने वाले आवंटियों की सहमति को देखते हुए दी गई है। आगे भी अगर कोई ऐसे आवेदन आते हैं तो प्राधिकरण को मंजूरी देने में कोई समस्या नहीं होगी। बशर्ते इमारत मजबूत होनी चाहिए।
इन सेक्टरों की सोसायटीज में लिफ्ट नहीं
अथॉरिटी के एक जिम्मेदार अफसर ने कहा, "पुरानी इमारत में लिफ्ट लगाने की मंजूरी लेने वालों को खुद अपने खर्च पर लिफ्ट लगानी होगी।" प्राधिकरण ने शहर के सेक्टर-12, सेक्टर-20, सेक्टर-25, सेक्टर-34, सेक्टर-39 और सेक्टर-71 समेत अन्य जगहों पर शहर बसाने के शुरूआती दौर में 3 से 4 मंजिला ग्रुप हाउसिंग सोसायटी बनवाई हैं। इनमें करीब 37 हजार फ्लैट हैं। अधिकारियों ने बताया कि नेशनल बिल्डिंग कोड में 4 मंजिल से ऊपर वाली इमारतों के लिए लिफ्ट अनिवार्य है। प्राधिकरण ने जब ये इमारतें बनवाई थीं, तब उनमें लिफ्ट नहीं लगाई गई थीं।
2016 में बानी पॉलिसी विरोध से अटकी
अथॉरिटी के अधिकारियों का कहना है कि लिफ्ट की मांग करने वाले आवंटियों का तर्क है कि अब वह बुजर्ग हो गए हैं। तीसरी और चौथी मंजिल पर चढ़ने में समस्या आ रही है। नोएडा प्राधिकरण ने इन इमारतों में लिफ्ट की मंजूरी का नियम वर्ष 2016 में बना लिया था, लेकिन कई जगहों पर ग्राउंड फ्लोर के आवंटी लिफ्ट लगाने का विरोध कर रहे थे। ऐसे में पिछले दिनों हुई बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया था। बोर्ड ने नियमावली में यह जोड़ दिया कि अगर ग्राउंड फ्लोर के आवंटियों को समस्या है तो पहली मंजिल से लिफ्ट लगाई जाए। इसके साथ ही इमारत के सभी फ्लैट के आवंटियों की सहमति ली जाए। अब आवेदन करने के लिए मानक तय किए गए हैं।