मुफ्त पार्किंग करवा कर अथॉरिटी को हुआ 3 करोड़ का नुकसान : नोएडा के अफसरों ने कहा- अभी 300 लाख का और लग सकता है चुना

नोएडा | 2 साल पहले | Mayank Tawer

Tricity Today | Noida Parking



Noida : नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) में तैनात अधिकारियों की लापरवाही से एक महीने में करीब 3 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो अगले महीने भी नोएडा अथॉरिटी को 3 करोड़ रुपए का नुकसान हो जाएगा। अभी तक प्राधिकरण ने पार्किंग (Noida Car Parking) को लेकर टेंडर जारी नहीं किए हैं। जिसकी वजह से यह नुकसान हुआ है। मिली जानकारी के मुताबिक 1 महीने में पार्किंग व्यवस्था की वजह से नोएडा अथॉरिटी को 3 करोड़ रुपए का चूना लग गया है।

शहर के 58 स्थानों पर चल रही पार्किंग
नोएडा अथॉरिटी से मिली जानकारी के अनुसार नोएडा शहर में कुल 58 स्थानों पर सड़कों पर पार्किंग चल रही है। हालांकि, इसमें सरफेस पार्किंग शामिल नहीं है। यह नोएडा के सेक्टर-18 में स्थित है। प्राधिकरण के साथ अलग-अलग क्षेत्रों में तीन कलस्टर कंपनियां काम कर रही है, लेकिन बीते 30 नवंबर को इन कंपनियों से नोएडा अथॉरिटी का अनुबंध समाप्त हो चुका है। उसके बावजूद भी अभी तक नोएडा अथॉरिटी के द्वारा टेंडर नहीं निकाला गया है। जिनकी वजह से इन स्थानों पर मुफ्त में पार्किंग चल रही है। जानकारी के मुताबिक मुफ्त में पार्किंग चलने की वजह से नोएडा अथॉरिटी को अब तक एक महीने में 3 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।

अभी 3 करोड़ रुपए का नुकसान और होगा
वहीं, दूसरी तरफ नोएडा प्राधिकरण का कहना है कि नोएडा ट्रेफिक सेल के अधिकारियों की लापरवाही के कारण अभी तक टेंडर जारी नहीं हुआ है। ऐसे में प्राधिकरण को बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अभी आगामी 1 महीने तक टेंडर निकलने की उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है, जिसकी वजह से ऐसा लग रहा है कि नोएडा अथॉरिटी को अभी 3 करोड़ रुपए का और नुकसान झेलना पड़ेगा।

तीन कंपनियां पर 20 करोड़ रुपए बकाया

मिली जानकारी के मुताबिक तीन कंपनियां शहर में पार्किंग का संचालन कर रहे हैं, लेकिन इन कंपनियों पर अभी तक नवंबर तक महीने का 20 करोड़ रुपए बकाया है। पैसा नहीं देने की वजह से टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। ऐसे में कहीं ना कहीं ट्रैफिक अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। नोएडा अथॉरिटी के अधिकारी अपना पैसा वसूल नहीं पा रहे हैं। जिसका हर्जाना नोएडा प्राधिकरण के राजस्व विभाग को चुकाना पड़ रहा है।

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