Noida News : नोएडा विकास प्राधिकरण (Noida Authority) ने निर्माणाधीन या पूरी हो चुकी हाऊसिंग सोसायटीज का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने के लिए पॉलिसी लागू कर दी है। यह पॉलिसी ग्रेटर नोएडा में भी लागू की जाएगी। ऑडिट करने के लिए देश की नामचीन शिक्षण संस्थाओं का पैनल बन दिया गया है। ऑडिट कराने के लिए क्या शुल्क देना होगा? यह सवाल शहर के लोग कर रहे हैं। अब जल्दी शुल्क तय किया जाएगा। इसके लिए नोएडा प्राधिकरण ने पैनल में शामिल सात एजेंसियों को पत्र लिखकर शुल्क की दरें मांगी हैं।
ऐसा करने वाला देश का पहला शहर बना
नोएडा विकास प्राधिकरण के अफसरों ने बताया कि एजेंसियों की तरफ से शुल्क की जानकारी आने के बाद प्राधिकरण दरों को सार्वजनिक करेगा। इसका फायदा यह होगा कि निर्धारित दर से ज्यादा शुल्क कोई एजेंसी नहीं ले पाएगी। अभी तक स्ट्रक्चरल ऑडिट की दरें देश के किसी भी शहर में लागू नहीं हैं। नोएडा स्ट्रक्चरल ऑडिट पॉलिसी और एजेंसियों का पैनल बनाने वाला यूपी का पहला शहर बन गया है। प्राधिकरण ने अपने स्ट्रक्चरल ऑडिट करने वाले पैनल में देश के नामी और सरकारी संस्थान चुने हैं।
पैनल में शामिल हैं यह संस्स्थाएं
पैनल में दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी, आईआईटी कानपुर, एमएनआईटी इलाहाबाद, बिट्स पिलानी, एमएनआईटी जयपुर और सीबीआरआई रुड़की शामिल हैं। अभी तक स्ट्रक्चरल ऑडिट उतने बड़े पैमाने पर नहीं हुए हैं। ऐसी कोई व्यवस्था भी नहीं थी। अब यह नई व्यवस्था नोएडा प्राधिकरण बना रहा है। नियोजन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ऑडिट शुल्क को लेकर जानकारी मांगी जा रही थी। इसको देखते हुए रेट तय करने का निर्णय लिया गया है। पैनल में शामिल एजेंसियों की दरें अलग-अलग होने का अनुमान है। जो दरें एजेंसियां बताएंगी उनको सार्वजनिक किया जाएगा।