अच्छी खबर: नोएडा के कोरोना संक्रमितों तक भोजन पहुंचा रही है ‘आपकी रसोई,’ पंखुड़ी पाठक बोलीं-‘हर पॉजिटिव तक पहुंचाने का लक्ष्य है’

नोएडा | 3 साल पहले |

Social Media | Congress Leader Pankhuri Pathak



कोरोना वायरस नोएडा के लोगों पर कहर बनकर टूटा है। इसकी वजह से जिंदगियां तबाह हो गई हैं। सबसे ज्यादा तकलीफ उन लोगों को है जो अकेले हैं। जिनके लिए भोजन का प्रबंध कर पाना मुश्किल है। ऐसे वक्त में कुछ लोग इंसानियत को जिंदा रखे हैं। मंगलवार, 4 मई से कांग्रेस की यूपी सोशल मीडिया उपाध्यक्ष पंखुड़ी पाठक ने ‘आप की रसोई’ की शुरुआत की है। इसके जरिए कोविड संक्रमित मरीज़ों के लिए मुफ्त दोपहर के खाने की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए मरीज़ को अपना नाम, पता और कोविड टेस्ट की रिपोर्ट मोबाइल नम्बर 8860441490 पर व्हॉट्सअप के जरिए भेजना है। अगले दिन से उनके दिए पते पर दोपहर का भोजन पहुंचाना शुरू किया जाएगा। उन्होंने इस मुहिम की शुरुआत के लिए कांग्रेस महासचिव एवं यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी तथा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का आभार जताया।

खुद भी संक्रमित थीं लेकिन संभालती रहीं जिम्मेदारी
कांग्रेस पदाधिकारी पंखुड़ी पाठक ने बताया कि वह और उनके पति अनिल यादव कोरोना संक्रमित के सम्पर्क में आने के कारण पिछले कुछ दिनों से आइसोलेशन में थे। हालांकि अब दोनों का आइसोलेशन समाप्त हो गया है। दोनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। मगर सोसाइटी में कोविड मरीजों की ज्यादा संख्या की वजह से उनकी सोसाइटी और टॉवर सील है। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए फिलहाल वे बाहर नहीं निकल रहे। लेकिन घर से ही आपकी रसोई का पूरा मैनेजमेंट संभाल रही हैं। रसोई की शुरुआत सेक्टर-62 स्थित नवादा गांव में की गई है। उन्होंने इसकी शुरुआत के बारे में बताते हुए कहा कि संक्रमितों को ज्यादा कमजोरी होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि कमज़ोरी की वजह से कोरोना के मरीज बेहद तनाव में रहते हैं। ऐसे में उनके खाने-पीने का ध्यान कौन रखे। जबकि उनको पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक खुराक मिलना चाहिए। इसी को देखते हुए ये पहल शुरू की गयी है।

कोविड संक्रमितों के लिए जरूरी है
सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिए उन्होंने अधिकाधिक लोगों तक आपकी रसोई के बारे में जानकारी फैलाने की अपील की है। ताकि ज्यादा से ज्यादा कोरोना संक्रमितों को लंच पहुंचाया जा सके। वीडियो में पंखुड़ी पाठक ने कहा है कि, “नोएडा में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। इस समय शहर में हजारों लोग ऐसे हैं, जो कोविड से संक्रमित हैं। ऐसे में हमारा प्रयास है कि जो भी लोग इस समय कोविड से संक्रमित हैं और अपना भोजन खुद तैयार नहीं कर पा रहे, उन लोगों तक हम लोग दिन का भोजन पहुंचाएं। क्योंकि हम खुद भी इन परिस्थितियों से निपट चुके हैं।”

ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिले सहूलियत
पंखुड़ी पाठक ने आगे कहा, “हम ये अच्छी तरह जानते हैं कि एक कोविड मरीज के लिए बहुत मुश्किल होता है। कोरोना की वजह से बहुत ज्यादा कमजोरी और थकान होती है। ऐसे में कई बार मुश्किल होती है कि संक्रमित अपना या अपने परिवार के लिए भोजन तैयार कर सके। ऐसे में हमारी कोशिश है कि एक छोटी सी राहत जो हम अपनी तरफ से उन्हें पहुंचा सकें, उसको पहुंचाने का प्रयास हम करें। हमारी तरफ से रोजाना कई कोविड संक्रमित लोगों तक थालियां पहुंचाई जा रही हैं। हमारी आपसे यह प्रार्थना है कि हमारी पहल को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं। हमारा नंबर-08860441490 है। इस नंबर पर कोई भी कोविड संक्रमित व्यक्ति अपनी जानकारी भेज सकता है। दोपहर का भोजन उसके घर तक पहुंचाने का काम हम करेंगे।”

रोजाना 100 लोगों को पहुंचा रहे हैं भोजन
गौतमबुद्ध नगर में कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या में पिछले 4 हफ्ते में बेतहाशा वृद्धि हुई है। ऐसे मरीजों की संख्या भी बहुत है, जो संक्रमित हैं और उनके पास पौष्टिक भोजन का प्रबंध नहीं है। उन सभी के लिए आप की रसोई बेहद मददगार साबित हो रही है। पंखुड़ी पाठक ने बताया कि शुरुआत के दिनों में रोजाना 40-45 लोगों को भोजन पहुंचाया जा रहा था। लेकिन अब संख्या 100 से ज्यादा हो गई है। हर दिन इन मरीजों को खाना पहुंचाया जा रहा है। हालांकि जो लोग संक्रमण से स्वस्थ हो जाते हैं, वे खुद अपना भोजन बंद करा देते हैं। लेकिन रोजाना नए लोगों के जुड़ने का सिलसिला भी जारी है। 

4 टीमें संभाल रही हैं जिम्मेदारी
पंखुड़ी पाठक ने बताया कि आप की रसोई में 4 टीमों को काम पर लगाया गया है। किचेन में 5 सदस्यों की एक टीम खाना बनाती है और इसे पैक करती है। भोजन को पहुंचाने के लिए 2-2 लोगों की 3 टीमें बनाई गई हैं। उन्होंने बताया कि, “इस बार भोजन पहुंचाने में ज्यादा चुनौती आ रही है। दरअसल ज्यादातर सोसाइटी कोविड मरीजों की वजह से सील हैं। इसलिए गेट पर तैनात सेक्यूरिटी गॉर्ड खाना लेकर पहुंची टीमों को वाहन सहित सोसाइटी में दाखिल नहीं होने देते। ऐसे में टीमें खाना लेकर संक्रमित परिवारों तक पैदल जाती हैं। इसमें काफी वक्त लगता है। लेकिन हमारी पूरी कोशिश है कि सभी तक वक्त पर खाना पहुंचा दिया जाए।”
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