अच्छी खबर: नोएडा में बनेगा देश का पहला हेरिटेज इंस्टीट्यूट, मास्टर और पीएचडी की होगी पढ़ाई

नोएडा | 3 साल पहले | Anika Gupta

Google Image | Minister of Tourism, Culture and Development of North Eastern Region G Kishan Reddy



औद्योगिक हब होने के साथ-साथ गौतमबुद्ध नगर विश्वस्तरीय शैक्षणिक केंद्र बन रहा है। केंद्र सरकार ने देश का पहला इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेरिटेज (Indian Institute of Heritage) नोएडा में बनाने का फैसला लिया है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) ने इस बारे में आधिकारिक घोषणा कर दी है। इस संस्थान में पढ़ाई के साथ-साथ शोध और भारतीय सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण पर काम किया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 20-21 के बजट में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ हेरिटेज बनाने की घोषणा की थी। 

इसे डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलेगा। अच्छी बात यही होगी कि यहां विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति और उसकी विरासत से रूबरू होने का पूरा मौका मिलेगा। इच्छुक छात्र यहां भारत की प्राचीन ऐतिहासिक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण, शोध, पढ़ाई और दूसरे बिंदुओं पर काम करेंगे। केंद्र सरकार यहां स्नातक से लेकर पीएचडी तक के कोर्स कराएगी। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी इस यूनिवर्सिटी को लेकर बेहद उत्साहित हैं। उनका कहना है कि नोएडा में विश्वस्तरीय हेरिटेज इंस्टिट्यूट बनेगा। 


यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण बनाए रखने में मददगार होगा। इससे संस्कृति के बारे में उच्च शिक्षा को बल मिलेगा। शोध के जरिए इसे दुनिया भर में फैलाने में भी सहायता मिलेगी। इस इंस्टीट्यूट में कई मास्टर और पीएचडी प्रोग्राम चलेंगे। यहां छात्रों को हिस्ट्री ऑफ आर्ट्स, संरक्षण, म्यूजियम विज्ञान, पुरातत्व शास्त्र, अभिलेख-मुद्रा शास्त्र, पांडुलिपि विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषयों का विशेष अध्ययन कराया जाएगा। संस्कृति मंत्रालय के अधीनस्थ इन विषयों के विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को इस संस्थान से जोड़ा जाएगा। 

उन्हें प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। ताकि यहां अध्ययनरत छात्रों के साथ मिलकर शोध में मदद करें। केंद्र सरकार ने इसका पूरा खाका तैयार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक इस संस्थान में इंस्टीट्यूट ऑफ आर्कियोलॉजी स्थापित होगा। स्कूल ऑफ आर्किव्स स्टडीज, नेशनल रिसर्च लैबोरेट्री फॉर कंजर्वेशन ऑफ कल्चरल प्रॉपर्टी, नेशनल म्यूजियम इंस्टीट्यूट ऑफ हिस्ट्री ऑफ आर्ट कंजर्वेशन एंड मूसलॉजी और इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर द आर्ट्स इससे विभाग होंगे।

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