Noida : नोएडा में एक तरफ जहां मेंटेनर चार्ज को लेकर मारामारी होती रहती है, वहीं दूसरी ओर एक सोसाइटी में मेंटेनेंस अकाउंट से 8 लाख रुपए छूमंतर हो गए। इस मामले में सोसायटी के अध्यक्ष ने सेक्टर-39 कोतवाली में शिकायत दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। इस मामले के बाद सोसाइटी के निवासी काफी परेशान हैं। यह 18 लाख रुपए पिछले 12 महीनों में सोसाइटी वालों ने दिए थे।
एओए अध्यक्ष कुश गोयल ने दी जानकारी
नोएडा के सेक्टर-107 में स्थित प्रतीक एडिफिस हाउसिंग सोसाइटी में बड़ा गोलमाल हुआ है। सोसायटी के अध्यक्ष कुश गोयल ने पुलिस को शिकायत दी है। कुश गोयल ने पुलिस को बताया कि निवासियों के द्वारा ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर ऐप के माध्यम या फिर चेक के माध्यम से एओए मेंटेनेंस डिपार्टमेंट ऑफिस में मेंटेनेंस शुल्क जमा किया जाता है। निवासियों से सीधे तौर पर कैश नहीं लिया जाता है।
जनवरी से लेकर दिसंबर 2022 तक का पैसा
कुश गोयल ने पुलिस को बताया कि साल का अंतिम महीना और अंतिम हफ्ता चल रहा है। जिसकी वजह से मेंटेनेंस शुल्क की जांच की गई। इस जांच में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जांच में पता चला कि जनवरी 2022 से लेकर दिसंबर 2022 तक बिजली बिल जमा करने और मेंटेनेंस जमा करने के नाम पर निवासियों से लाखों रुपए लिए गए, लेकिन यह लाखों रुपए मेंटेनेंस डिपार्टमेंट के अकाउंट में नहीं है। इस मामले में जांच की तो पता चला कि लोगों से पैसा लेकर दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर किया गया है। कुल मिलाकर सोसाइटी के मेंटेनेंस अकाउंट से कुल ₹18 लाख रुपए गायब हुए हैं। निवासियों और मेंटेनेंस डिपार्टमेंट के कंप्यूटर सिस्टम में फर्जी ट्रांजैक्शन आईडी अपडेट की गई है।
पुराने अकाउंटेंट ने किया बड़ा खेला
एओए अध्यक्ष ने बताया कि करीब एक महीने पहले पुराने अकाउंटेंट ने नौकरी छोड़ दी। उन्होंने पुलिस को बताया कि पुराने अकाउंटेंट ने ही यह फर्जीवाड़ा किया है। अब ऑडिट के जरिए इस बात का खुलासा हुआ है। फिलहाल, सोसाइटी में नया अकाउंटेंट आ चुका है। जिसके साथ मिलकर ऑडिट किया और पूरे मामले का खुलासा हुआ। कुश गोयल ने मामले की शिकायत सेक्टर-39 कोतवाली में की है। जिसके आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
एओए ने ई-मेल पर दी निवासियों को जानकारी
वहीं, दूसरी ओर इस मामले में निवासियों का कहना है कि इस पूरी घटना की जानकारी एओए ने ई-मेल पर मैसेज भेज कर दी है। जिसके बाद पूरी सोसाइटी में हड़कंप मच गया है। बड़ी बात यह है कि एओए ने इस पूरे मामले में हाथ खड़े कर लिए हैं। निवासियों को बताया गया है कि जिन लोगों ने अकाउंट में मैनुअल तरीके से पैसा दिया है, वह प्राप्त नहीं हुआ है और ना ही किसी प्रकार की जानकारी है। इसके अलावा निवासियों के पास कोई भी रसीद नहीं है। ऐसे में निवासियों का पैसा डूबा हुआ लग रहा है। यानी कि निवासियों का 18 लाख रुपए डूब गया है।
हजारों लोगों का पैसा डूबा
सोसायटी के निवासी अजय शर्मा का कहना है कि इतने बड़े फ्रॉड की जानकारी होने के बाद निवासियों में हडकंप मचा हुआ है। इस समय काफी चिंता का माहौल है। वहीं दूसरी ओर कुछ निवासियों का कहना है कि यह फर्जीवाड़ा सभी ने मिलकर किया है। एओए पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया गया है। अब सोसाइटी वालों को अतिरिक्त पैसे देने पड़ेंगे। क्योंकि निवासियों ने जो पैसे ट्रांसफर किए हैं और अकाउंट में नहीं आए हैं, उनको एओए मानने के लिए तैयार नहीं है।