Noida News : खनन माफिया ने नोएडा में प्राइम लोकेशन वाले सेक्टरों को खोद डाला। करोड़ों रुपये की मिट्टी चोरी कर ली है। पिछले डेढ़ साल से यह अवैध खनन चल रहा है। बड़ी बात यह है कि नोएडा अथॉरिटी के सीईओ से लेकर मैनेजर तक पुलिस को शिकायतें देकर और चिट्ठियां लिखकर थक गए, लेकिन एक एफआईआर दर्ज नहीं हो पाई। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थाना क्षेत्र में नोएडा का बड़ा हिस्सा पड़ता है। वहीं यह खेल खुलेआम चल रहा है।
माफिया ने हजारों मीटर जमीन खोद डाली
नोएडा के सेक्टर-147, सेक्टर-148, सेक्टर-150, सेक्टर-151, सेक्टर-152 और सेक्टर-153 में 50 से अधिक प्लॉट्स की हजारों वर्ग मीटर जमीन पर अवैध खनन किया गया है। इन प्लॉट्स के मालिक खनन माफिया के शिकार हुए हैं। कई स्थानों पर तो इतनी अधिक खुदाई की गई है कि प्लॉट तालाब में तब्दील हो गए हैं। मौके पर जाकर देखा गया तो वहां 10 से 20 फुट गहरे गड्ढे बन चुके हैं। चोरी की गई मिट्टी को डंपर और हाइवा में भरकर नोएडा-ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के निर्माण स्थलों पर बेचा गया है।
करोड़ों रुपये की मिट्टी चोरी हो चुकी है
खनन माफिया ने इन सेक्टरों से करोड़ों रुपये की मिट्टी चोरी की है। मिली जानकारी के मुताबिक, प्रति डंपर 5 से 8 हजार रुपये की दर से मिट्टी बेची जा रही है। एक रात में 100 से ज्यादा डंपर मिट्टी खोदी जाती है। ट्राईसिटी टुडे के पास ऐसे वीडियो उपलब्ध हैं, जिनमें एक साइट पर दो-दो जेसीबी मशीनें खुदाई कर रही हैं।
चंद कदमों की दूरी पर पुलिस चौकी
रोजाना मिट्टी से भरे डंपर और जेसीबी शहर की सड़कों से गुजरते हैं। जिन सेक्टरों में यह अवैध खनन किया गया है, वहां से चंद कदमों की दूरी पर पुलिस चौकी है। पुलिस और प्रशासन को इसकी भनक क्यों नहीं लगती? पिछले 7-8 महीनों से तो यह अवैध खनन निर्बाध चल रहा है। माफिया रात के अंधेरे में जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल करके अथॉरिटी के प्लॉट और जमीन से मिट्टी चोरी कर रहे हैं। इस घटनाक्रम ने स्थानीय पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि पुलिस की मिलीभगत के चलते माफिया सरकारी जमीन पर अवैध खनन कर रहे हैं।
पुलिस को 15 से अधिक पत्र भेजे गए
ट्राईसिटी टुडे के पास ऐसे दस्तावेज उपलब्ध हैं, जिससे साफ होता है कि ओएसडी और वर्क सर्किल के सीनियर मैनेजर थानों में शिकायत दे चुके हैं। इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए नोएडा अथॉरिटी के सीईओ लोकेश एम और एसीईओ ने पुलिस आयुक्त व उपायुक्त को पत्र लिखे हैं। नॉलेज पार्क थाने को 15 से अधिक शिकायत भेजी गई हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। प्राधिकरण के जूनियर अफसरों का कहना है कि जब प्राधिकरण ने दबाव बनाया तो केवल लीपापोती करके कुछ दिनों के लिए खनन बंद करवा दिया गया।
प्राधिकरण को लगेगी दोहरी चपत
जिन भूखंडों से माफिया ने मिट्टी का अवैध खनन किया है, भविष्य में उन प्लॉटों को भरवाने में अथॉरिटी को भारी खर्च उठाना पड़ेगा। साथ ही, ऐसे प्लॉटों को खरीदने के लिए उद्यमी या आवंटी तैयार नहीं होंगे। इससे न केवल अथॉरिटी को आर्थिक नुकसान होगा, बल्कि क्षेत्र के विकास कार्य प्रभावित होंगे। नोएडा अथॉरिटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "इस मामले में कई बार पुलिस को सूचित किया है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यह चिंता का विषय है कि इतने बड़े पैमाने पर हो रही अवैध गतिविधि पर रोक नहीं लगाई जा रही है। पुलिस की ओर से पर्याप्त कार्रवाई न होने के कारण यह समस्या बढ़ती जा रही है।"
योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट को पलीता
जिस जगह से अवैध खनन किया जा रहा है, वहां हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट प्रस्तावित है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इतना ही नहीं माफिया ने इंटरनेशनल गोल्फ कोर्स, दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन के स्टेशन और नए सर्किट हाउस की जमीन को भी खोद डाला है। दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की माफियाओं के खिलाफ "जीरो टॉलरेंस" की नीति को पलीता लगाया जा रहा है।
...आखिर निवेशकों पर क्या असर पड़ेगा
नोएडा उत्तर प्रदेश की 'शो विंडो' है। पूरे राज्य की औद्योगिक गतिविधियों के लिए रोल मॉडल है। यहां इतने बड़े पैमाने पर अवैध खनन सवाल खड़े करता है। यह चिंता नोएडा के सीईओ की ओर से पुलिस आयुक्त को लिखी गई चिट्ठी में साफ झलकती है। सीईओ ने लिखा है, "इस अवैध खनन से नोएडा अथॉरिटी की छवि खराब हो रही है।"
आसपास के लोग बोले- हम तो डर में हैं
इस इलाके में रहने वालों की अपनी पीड़ा है। एक स्थानीय ने कहा, "उत्तर प्रदेश सरकार ने भू-माफिया की समस्या से निपटने के लिए एंटी भू-माफिया पोर्टल शुरू किया है, जहां पीड़ित लोग अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। लेकिन नोएडा में पुलिस की नाक के नीचे खनन माफिया योगी के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।" वह आगे कहते हैं, "अब जब इतने सख्त माहौल में यहां लगातार अवैध खनन चल रहा है तो कोई ताकतवर ही यह सब कर सकता है। ऐसे में किससे शिकायत करें। पूरी रात बड़े-बड़े ट्रक गुजरते हैं। पॉल्यूशन करते हैं। धूल और तेज आवाजों के कारण रातभर सोना मुश्किल है। अवैध खनन के दौरान कई एसयूवी मौके पर खड़ी रहती हैं। जिनमें हथियारबंद लोग रहते हैं। उनका विरोध कौन करेगा? यहां दिनभर तो पुलिस चक्कर काटती है लेकिन रात को क्यों गायब रहती है।"