Noida News : नोएडा में कोतवाली सेक्टर-49 क्षेत्र के सेक्टर-75 स्थित स्पेक्ट्रम माल (Spectrum Metro Mall) में 15 जून की रात को शटरिंग गिरने से घायल हुए 5 मजदूरों के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कहा गया कि शटरिंग गिरने से 20 लोगों की मौत हो गई है। इस मामले में जांच के दौरान कोतवाली सेक्टर-49 पुलिस को पता चला है कि वायरल वीडियो फर्जी है। इसको वायरल करने वाले लोग अफवाह फैलाकर समाज में अशांति और उन्माद फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। दूसरी ओर विकास प्राधिकरण की ओर से मॉल मनैजमेंट को नोइटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। जांच में मैनेजमेंट की लापरवाही सामने आई है।
माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई
एडीसीपी नोएडा जोन रणविजय सिंह ने बताया सिंह कि 15 जून की रात को सेक्टर-75 स्थित स्पेक्ट्रम माल में निर्माण कार्य चल रहा था। काम करते समय शटरिंग गिरने से उसके नीचे 5 मजदूर दबकर घायल हो गए थे। घायल 4 मजदूरों को उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया और एक को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सरकारी अस्पताल से 4 मजदूर ठीक हो कर घर आ गए, जबकि एक मजदूर का अभी इलाज़ चल रहा है।
एडीसीपी ने बताया कि इस मामले में एक अज्ञात व्यक्ति ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक वीडियो वायरल की थी। जिसमें बताया गया कि शटरिंग गिरने से 20 मजदूरों की मौत हो गई है। उनका शव शटरिंग के नीचे दबा है। मामले की जांच के दौरान पता लगा कि यह वीडियो शांति भंग करने और लोगों को भड़काने की नीयत से सोशल मीडिया में वायरल किया गया था। चौकी इंचार्ज अरविंद चौधरी की शिकायत पर थाना सेक्टर-49 में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोपी की तलाश की जा रही है।
सामने आई मॉल मैनेजमेंट की लापरवाही
दूसरी ओर हादसे के बाद जानकारी मिलते ही नोएडा प्राधिकरण की टीम मंगलवार रात ही जांच करने मौके पर पहुंच गई थी। बुधवार को नियोजन और वर्क सर्किल की टीम ने मौके पर जाकर जांच की। निर्माणाधीन मॉल की फोटोग्राफी भी कराई गई है। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की मानें तो प्राथमिक जांच में निर्माण के दौरान लापरवाही सामने आई है। यहां सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। लापरवाही मिलने पर नोएडा प्राधिकरण के नियोजन विभाग की ओर से बिल्डर को नोटिस जारी किया गया है।
प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि बिल्डर को नोटिस जारी करके सात दिन के अंदर जबाव देने को कहा गया है। अगर प्राधिकरण जबाव से संतुष्ट नहीं हुआ तो बिल्डर के खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा यहां पर चल रहे निर्माण कार्य के स्ट्रक्चर की गुणवत्ता की जांच कराने का निर्णय भी प्राधिकरण ने लिया है। अगर यहां पर निर्माण सामग्री की गुणवत्ता बेहतर नहीं पाई गई तो बिल्डर के खिलाफ अलग से कार्रवाई होगी।