बड़ी खबरः फर्जी कॉल सेंटर की महिला निदेशक को नोएडा पुलिस ने किया गिरफ्तार, हुआ अहम खुलासा, एटीएस ने नए सिरे से जांच शुरू की

नोएडा | 4 साल पहले | Rakesh Tyagi

Social Media | पुलिस की गिरफ्त में आरोपी निदेशक



नोएडा कोतवाली फेज-3 पुलिस ने रविवार को सेक्टर 63 में ऑनलाइन ग्रॉसरी शॉप के नाम पर चल रहे फर्जी कॉल सेंटर की महिला निदेशक आशिया अफजल लोन को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी सेक्टर-63 में अपने पति और उसके दोस्त के साथ मिलकर फर्जी कॉल सेंटर चला रही थी। पुलिस मामले में फरार निदेशक, सोपोर निवासी बासित फारुख डार की तलाश कर रही है। इस कॉल सेंटर से इंटरनेशनल वॉइस कॉल को निजी सर्वर पर लैंड कराकर भारतीय नंबरों पर कॉलिंग कराई जाती थी। 

शुरुआती जांच में एटीएस की टीम को आरोपियों के आतंकी कनेक्शन की संभावना लग रही है। अब पुलिस इस एंगल से भी मामले की जांच कर रही है। पिछले सप्ताह ही नोएडा फेज-3 पुलिस और एटीएस की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इस फर्जी कॉल सेंटर का भंड़ाफोड़ किया था। यहां से कश्मीरी युवक-युवतियां पकड़े गए थे। इस बारे में दूरसंचार विभाग ने पुलिस को शिकायत दी थी। छापेमारी में इसके मास्टरमाइंड करम इलाही को गिरफ्तार किया गया था। 

कोतवाली फेज-3 के प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र दीखित ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सेक्टर-63 के एच ब्लॉक में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर की निदेशक श्रीनगर निवासी आशिया अफजल लोन को रविवार को पुलिस ने सेक्टर-73 से गिरफ्तार कर लिया। दरअसल फर्जी कॉल सेंटर करम इलाही की पत्नी आशिया के नाम से चल रहा था। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी आशिया अफजल लोन एमसीए पास है। वह सेक्टर-73 में रह रही थी। इन्होंने जियो और टाटा कंपनी का कनेक्शन ले रखा था। 

मोटी कमाई होती थी
इसे यह एक निजी सर्वर से जोड़ देते थे। इसके बाद पूरा खेल होता था। इस अवैध तरीके से इन्हें मोटी रकम हासिल होती थी। इससे सरकार को राजस्व की हानि हो रही थी। वहीं इससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी खतरा बना हुआ था। आशिया को कोर्ट में पेश किया गया। यहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। नोएडा पुलिस की एक टीम जम्मू-कश्मीर जाकर गिरफ्तार करम इलाही, उसकी पत्नी आशिया और फरार बासित के दस्तावेजों और पते का सत्यापन कर रही है। इसके अलावा इनसे जुड़ी दूसरी जानकारी भी जुटाई जाएगी। 

दूरसंचार विभाग ने की थी शिकायत
मामले की शिकायत दूरसंचार विभाग ने नोएडा पुलिस से की थी। दरअसल जब निजी सर्वर के जरिए विदेशी कॉल को भारतीय नंबरों पर डायवर्ट कर जम्मू-कश्मीर के लोगों से बात कराई जाती थी, तब उनके मोबाइल पर एसटीडी कोड नोएडा का दिखाई देता था। तब इसकी शिकायत दूरसंचार विभाग से की गई थी। उसके बाद नोएडा पुलिस और एटीएस की टीम ने दूरसंचार विभाग के साथ मिलकर इस पूरे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया था।

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