बड़ी खबरः नोएडा में शराब के शौकीनों को झटका, दिल्ली की सस्ती शराब अब नहीं खरीद पाएंगे

नोएडा | 4 साल पहले | Harish Rai

Tricity Today | दिल्ली सरकार आबकारी नीति में बड़े बदलाव करेगी



दिल्ली से सस्ती शराब खरीदकर नोएडा में पीने वालों के लिए बुरी खबर है। अब दिल्ली में यूपी से महंगी मदिरा मिलेगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति में शराब पर करीब 50 फीसदी तक शुल्क बढ़ाया जाएगा। साथ ही शराब के ठेके के लिए लाइसेंस देने की प्रक्रिया में भी बड़े बदलाव किए जाएंगे। राज्य सरकार मदिरा सेवन के लिए उम्र की बाध्यता पर भी विचार कर रही है। इसे और घटाया जा सकता है। दरअसल अन्य राजनीतिक दलों व स्वयंसेवी संस्थाओं ने शराब पीने की उम्र कम करने के प्रस्ताव का विरोध किया था। माना जा रहा है कि अब दिल्ली-यूपी में मदिरा की कीमतों में ज्यादा अंतर नहीं रहेगा। 

आम आदमी पार्टी नीत राज्य सरकार ने दो महीने पहले इस बारे में घोषणा की थी। इसमें कहा गया था कि नई आबकारी नीति तैयार की जा रही है। इसके लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की गई है। हालांकि नई पॉलिसी को लेकर नागरिकों से भी सुझाव मांगा गया है। इसी विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर मंत्रिपरिषद को सौंप दी है। इसमें शराब बिक्री में ठेके के आवंटन से जुड़े कई बिंदुओं पर सुधार की सिफारिश की गई है। साथ ही समिति ने शराब की कीमतों में वृद्धि करने का सुझाव दिया है। 

मंत्रिपरिषद समीक्षा कर रही है
राज्य सरकार समिति के सुझावों पर विचार-विर्मश कर रही है। माना जा रहा है कि नई आबकारी नीति में इसकी छाप दिखाई देगी। दिल्ली में सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह की शराब की दुकानों के लिए लाइसेंस जारी करने के संदर्भ में कई अहम बदलाव किए जाएंगे। राज्य सरकार नई आबकारी नीति में शराब के ठेके की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया। दिल्ली सरकार राज्य में ठेके को बंद रखने के दिनों को घटाएगी। ताकि लोग ज्यादातर दिन मदिरा की खरीदारी कर सकें। उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ाने के लिए अब उम्र की सीमा को 21 साल से कम किया जाएगा। 

800 नए ठेके खुलेंगे
राज्य आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में करीब 700-800 शराब की नई दुकानें खोलने की मंजूरी मिलेगी। समिति के सुझावों के आधार पर, दिल्ली सरकार ने दोनों तरह की (देश में बनी और विदेशों से मंगाई गई) शराब की कीमतों में 50 प्रतिशत तक का इजाफा करेगी। इसका मकसद राज्य सरकार के राजस्व में अधिकाधिक धन संग्रह करना है। फिलहाल दिल्ली सरकार को मदिरा से करीब 5,000 करोड़ रुपये की वार्षिक आय हो रही है। नए दरों के लागू होने के बाद यह अनुमानित 8,000 करोड़ रुपये सालाना हो जाएगा। 

उम्र की सीमा घटाई जाएगी
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में शराब की बिक्री बढ़ाने के लिए उम्र की सीमा को घटाने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि इस पर दिल्ली के अन्य दलों ने विरोध किया था। कई सामाजिक संगठनों ने भी इस पर आपत्ति जताई थी। पर सरकार अपने फैसले पर अड़ी हुई है। फरवरी के पहले हफ्ते में दिल्ली मंत्रिमंडल ने नई आबकारी नीति की समीक्षा के लिए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अगुवाई में मंत्रियों का एक समूह गठित किया है। मनीष सिसोदिया फिलहाल वित्त विभाग की जिम्मेदारी भी देख रहे हैं।

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