BIG NEWS: नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने मदद के लिए नंबर जारी किया, एंबुलेंस से दवाई तक मिलेगी सहायता

नोएडा | 3 साल पहले |

Tricity Today | नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने मदद के लिए नंबर जारी किया



नोएडा ट्रैफिक पुलिस कोरोना महामारी की दूसरी लहर में लोगों की मदद कर रही है। इसी सिलसिले में यातायात पुलिस ने हेल्प लाइन नंबर जारी किया है। जिस इस नंबर पर कॉल कर लोग पुलिस की सहायता लेकर एंबुलेंस की सेवा ले सकेंगे। साथ ही अपनी कोई समस्या पुलिस के साथ साझा कर सकेंगे। यातायात पुलिस की इस पहल में कई स्वयंसेवी संगठन, एनजीओ और RWA सहायता कर रही हैं। इनके माध्यम से लोगों को ट्रैफिक पुलिस एंबुलेंस और अन्य सेवाएं उपलब्ध कराकर लोगों की मदद कर रही है।

10 गुना तक पैसा ले रहे हैं
कोरोना महामारी की दूसरी लहर से आम जनजीवन तबाह है। पूरे देश में इसका भयावह असर दिखाई दे रहा है। गौतमबुद्ध नगर भी इस घातक वायरस के प्रकोप का शिकार है। लोगों को इलाज के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। बहुत से लोगों ने हॉस्पिटल में बेड की कमी के कारण बाहर ही दम तोड़ दिया। इस विपदाकाल में भी कुछ अस्पताल और लालची लोगों ने लोगों की मजबूरी का फायदा उठाना शुरू कर दिया। एंबुलेंस चालक मरीजों को थोड़ी दूर ले जाने के लिए 10 गुना या उससे भी ज्यादा पैसा वसूलने लगे हैं। लोग उनको अधिक रुपये देने के लिए मजबूर हैं। 

इस नंबर पर करें कॉल
जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने इनका संज्ञान लेते हुए एंबुलेंस के लिए रेट निर्धारित किया था। साथ ही ज्यादा रकम की शिकायत के लिए नोएडा पुलिस ने एक हेल्पलाइन जारी किया था। अब नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने एक हेल्पलाइन नंबर (9971009001) जारी किया है। जिसके माध्यम से लोग पुलिस की हेल्प लेकर एंबुलेंस बुक करा सकते हैं। अगर कहीं कोई एंबुलेंस ड्राइवर किसी भी पीड़ित से अधिक पैसे लेता है, तो उसकी शिकायत भी पुलिस को इस नंबर पर दी जा सकती है। पुलिस उस पर कार्रवाई करेगी।

सैकड़ों लोगों की मदद कर चुके हैं
नोएडा ट्रैफिक पुलिस के डीसीपी गणेश साहा ने बताया कि हमारे द्वारा जारी किए गए नंबर पर रोजाना सैकड़ों कॉल आती हैं। इनकी सहायता भी की गई है। हमारे साथ कई सामाजिक संगठन, एनजीओ और RWA जुड़े हुए हैं। इनके माध्यम से हमने अब तक सैकड़ों लोगों की मदद की है।  हम लोगों को एम्बुलेंस, जरूरी दवाइयां और अन्य चिकित्सा संबंधित सहायता मुहैया करा रहे हैं। जिन लोगों से एंबुलेंस ड्राइवर ने अधिक पैसे वसूलें है, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई कर पैसे भी वापस दिलाए गए हैं।

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