Noida News : गाजियाबाद में स्कूल बस हादसे के बाद से नोएडा परिवहन विभाग ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। परिवहन विभाग द्वारा स्कूल बसों के लिए एक खास अभियान चलाया गया है। इस अभियान के दौरान सभी स्कूल बसों के मानकों को बारीकी से जांचा जाएगा। अगर कोई स्कूल बस मानकों पर खरी नहीं उतरती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उसका फिटनेस पास नहीं किया जाएगा। नोएडा परिवहन विभाग के एआरटीओ एके पांडे ने कहा कि अगर स्कूल बसों में सभी बताए गए मानक पूरे नहीं हैं तो वह फिटनेस के लिए आवेदन ना करें।
ज्यादातर बसों का फिटनेस हो चुका समाप्त
एके पांडे ने बताया कि गाजियाबाद में स्कूल बस हादसे में एक बच्चे की मौत हो गई थी। उसको देखते हुए गौतमबुद्ध नगर जनपद में भी ऐसा कोई हादसा ना हो इसके लिए हम एक अभियान चला रहे हैं। इस अभियान के दौरान सभी स्कूल बसों की जांच की जाएगी और उनके मानकों को चेक किया जाएगा। 2 साल से कोरोना के कारण स्कूल बंद थे जिसकी वजह से स्कूल बसे ऐसे ही खड़ी हुई थी। ऐसे में ज्यादातर बसों का फिटनेस समाप्त हो गया है। अगर किसी वाहन की पटना समाप्त नहीं हुई है तो उसमें कुछ खामियां हैं। सभी स्कूल वालों को गाइडलाइन के तहत स्कूल की बसों के मानकों को पूरा करना होगा।
स्कूल बस वालों को पूरा करने होंगे यह मानक
उन्होंने कहा कि स्कूल बस के अंदर हर सीट के ऊपर एक पैनिक बटन होना चाहिए। अगर किसी बच्चे को कोई समस्या होती है तो वह इस पैनिक बटन को दबाकर ड्राइवर को सूचित कर सकता है। जिसके बाद बस तुरंत वहीं पर रुक जाएगी। उन्होंने कहा कि साथ ही स्कूल बसों के बाहर सीशोर पर जो ग्रीन लगी होती है। उनकी संख्या बढ़ाई जाए साथ ही उन्हें इस तरह लगाया जाए कि उनके बीच में पांच 5 सेंटीमीटर का गैप हो ताकि कोई बच्चा बस के बाहर मुंह ना निकाल सके और हादसा होने का डर ना हो। इसके अलावा एके पांडे ने बताया कि सभी स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरे लगे होने चाहिए। अगर बस के अंदर कोई घटना होती है तो उसका सीसीटीवी कैमरे के जरिए पता लगाया जा सके। साथ ही बसों में बच्चों के चढ़ने उतरने के लिए लो फ्लोर की व्यवस्था की जाए। जिससे उन्हें कोई परेशानी ना हो।
स्कूल में जाकर की जा रही बसों की चेकिंग
एके पांडे ने बताया कि ज्यादातर बसें सीएनजी की है। ऐसे में उन सभी के अंदर फायर एक्सटिंग्विशर होना चाहिए। जिससे अगर बस के अंदर आग लग जाती है तो उस पर तुरंत काबू पाया जा सके। इसके अलावा बस के अंदर फर्स्ट एड बॉक्सर की व्यवस्था भी होनी चाहिए। अगर किसी बच्चे को चोट लग जाती है। तो तुरंत उसे फर्स्ट एड के जरिए ट्रीटमेंट दिया जा सके। उन्होंने कहा कि अगर बस में यह सभी व्यवस्थाएं नहीं है तो फिटनेस के लिए आवेदन ना करें। पहले इन सभी मानकों को बस के अंदर पूरा कर ले। उसके बाद ही फिटनेस के लिए आवेदन करें। इन सभी चीजों की जांच के लिए हमारे विभाग द्वारा स्कूलों में जाकर बसों की चेकिंग की जा रही है। इसी के साथ सड़क पर खड़े होकर भी बसों को चेक किया जा रहा है। अगर किसी बस में कोई भी खामी पाई जाती है तो उसको पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
इस नंबर पर कॉल कर अभिभावक कर सकते हैं शिकायत
एके पांडे ने बताया कि अगर किसी अभिभावक को स्कूल बस के अंदर कोई खामियां नजर आती है तो वह हमें इसके बारे में बता कर सूचित कर सकता है। जिसके लिए हमने एक मोबाइल नंबर भी जारी किया है। 0120-2505556 मोबाइल नंबर पर कॉल कर अभिभावक अपनी शिकायत को हमें बता सकता