नोएडा यमुना खादर फार्म हाउस मामला : बैनामे छिपाकर प्राधिकरण को दीं 400 से ज्यादा आपत्तियां, अब तक 60 खारिज

नोएडा | 2 साल पहले | Mayank Tawer

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो



Noida News | नोएडा के यमुना खादर में फार्म हाउस बनाकर बैठे 400 से ज्यादा लोगों ने अथॉरिटी में आपत्तियां दाखिल की हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के आदेश पर अथॉरिटी ने आपत्तियां ली हैं और अब इन पर सुनवाई चल रही है। मिली जानकारी के मुताबिक अथॉरिटी ने अब तक 60 आपत्तियों को खारिज कर दिया है। पिछले एक सप्ताह में तीन फाइलों का निस्तारण किया गया। इसमें आईं 60 से अधिक आपत्तियां खारिज की गई हैं। इसके अलावा करीब 40 आपत्तियों का निस्तारण सोमवार तक कर दिया जाएगा।

फार्म हाउसों के बैनामे में छिपा रहे हैं आपत्ति करने वाले
फार्म हाउस मालिकों की ओर से आई आपत्तियों का निस्तारण करते हुए प्राधिकरण की ओर से कहा गया है कि यमुना के डूब क्षेत्र में पक्का निर्माण अवैध है। इसे खुद हटा लें, अन्यथा हम गिरा देंगे। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि आपत्तियां दर्ज करवाने वालों ने पत्र में अपना नाम तो दिया है, लेकिन बैनामों की कॉपी नहीं लगाई हैं। जिससे तय नहीं हो पा रहा है कि इन फार्म हाउस का असली मालिक कौन है।

फार्म हाउस मालिकों की आपत्तियां और प्राधिकरण के जवाब
आपत्ति-1: इन लोगों ने सवाल खड़ा किया है कि नंगला नंगली खादर में फार्म हाउस बने हैं, वह नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में नहीं आते हैं। 

जवाब-1 : इसके जबाव में प्राधिकरण ने कहा है कि मास्टर प्लान-2031 के तहत नंगला-नंगली का यमुना नदी से बांध के बीच का क्षेत्र रिवर फ्रंट डेवलेपेमंट जोन के अंतर्गत आता है। इस प्रकार यह प्राधिकरण का अधिसूचित क्षेत्र है।

आपत्ति-2 : आपत्ति है कि नोएडा प्राधिकरण की ओर से 8 जून 2022 को जारी किया गया सार्वजनिक नोटिस अवैध है, सुनवाई का मौका नहीं दिया गया।

जवाब-2 : इस पर प्राधिकरण ने जबाव दिया कि डूब क्षेत्र और बांध रोड पर जगह-जगह नोटिस बोर्ड लगे हुए हैं, उसमें स्पष्ट है कि यहां किसी भी प्रकार का पक्का निर्माण नहीं किया जा सकता है। लिहाजा, यह सार्वजनिक सूचना और चेतावनी नोटिस के तौर पर ही ली जानी चाहिए।

आपत्ति-3 : प्राधिकरण का अधिकार क्षेत्र क्या है और फ्लड जोन की परिभाषा के संबंध में आपत्ति है। 

जवाब-3 : इस पर प्राधिकरण की ओर से बताया गया कि सिंचाई विभाग के तहत जहां नदी के दोनों ओर मार्जिनल तटबंध निर्मित हैं, ऐसे स्थानों पर दो तटबंध के बीच का क्षेत्र और जहां नदी के दोनों ओर तटबंध निर्मित नहीं हैं, ऐसे स्थानों पर शहरी क्षेत्र में 1.50 बाढ़ आर्वत और ग्रामीण क्षेत्र में 1.25 आर्वत का डूब क्षेत्र हेगा। यही वजह है कि नोएडा की 5 हजार हेक्टेयर जमीन को रिवर फ्रंट के रूप में विकसित किया जाना है। जिसे मास्टर प्लान में शामिल किया गया है। यहां केवल एक प्रतिशत स्थान पर ही अस्थाई निर्माण कराया जा सकता है।

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