Noida News : 2019 बैच के आईएएस अधिकारी नवीन तंवर (IAS Naveen Tanwar) सस्पेंड कर दिया गया है। कारण जानने के बाद आप भी हैरान हो जाएंगे। यह केस नवीन तंवर आईएएस बनने के पहले का है। नवीन तंवर कुछ दिनों पहले बैंक क्लर्क भर्ती परीक्षा देते पकड़े गए थे। इस मामले में 5 अप्रैल को उन्हें निलंबित कर दिया गया है। तंवर को पिछले महीने की शुरुआत में तीन साल की जेल की सजा मिलने के बाद यह निलंबन हुआ है।
50 हजार रुपये का लगाया जुर्माना
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवम वर्मा ने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) तंवर पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया, लेकिन सीबीआई अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद उन्हें हिरासत से रिहा कर दिया गया। इस मामले में कानून विभाग ने स्पष्ट किया कि अगर कोई कर्मचारी या अधिकारी 48 घंटे तक जेल में रहता है तो उसे स्वत 'निलंबित' माना जाना चाहिए। नवीन वर्तमान में चंबा जिले में जिला ग्रामीण विकास एजेंसी (डीआरडीए) के अतिरिक्त उपायुक्त/परियोजना निदेशक के रूप में कार्यरत थे।
2014 में सॉल्वर गैंग
सूत्रों के अनुसार, 13 दिसंबर 2014 को उत्तर प्रदेश के नोएडा के रहने वाले तंवर ने इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनेल सिलेक्शन (आईबीपीएस) क्लर्क भर्ती परीक्षा में आइडियल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, गाजियाबाद में झांसी के अमित सिंह के स्थान पर परीक्षा दी थी। सीबीआई ने सॉल्वर गैंग को पकड़ा था, जिसके छह आरोपियों में तंवर भी शामिल था। 2019 में सुनवाई के दौरान तंवर से पूछताछ की गई थी।
क्या है मामला
पेपर धोखाधड़ी का यह मामला 2014 इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन (आईबीपीएस) भर्ती परीक्षा से जुड़ा है। गाजियाबाद में आइडियल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने 13 नवंबर 2014 को परीक्षा केंद्र के रूप में कार्य किया। इस स्थान पर, सीबीआई ने दो फर्जी उम्मीदवारों में से सावन कुमार और नोएडा निवासी नवीन तंवर को हिरासत में लिया था। जब तंवर ने सिंह के स्थान पर और कुमार ने अजय पाल सिंह के स्थान पर परीक्षा दी, तो उन दोनों को जेल में डाल दिया गया। इस मामले में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे सुग्रीव गुर्जर और हनुमत गुर्जर को भी हिरासत में ले लिया गया, जिन्होंने तंवर और कुमार को अमित और अजय पाल की जगह बैठाने के लिए तैयार किया था। बाद में उन सभी को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
कौन है नवीन तंवर
नवीन तंवर उत्तर प्रदेश के नोएडा के रहने वाले हैं। तंवर हिमाचल कैडर के 2019 बैच के IAS अफसर हैं। वे फिलहाल हिमाचल प्रदेश में अपर जिलाधिकारी (ADM) के तौर पर तैनात थे। उन्हें करीब 10 महीने पहले चंबा जिले में जिला ग्रामीण विकास एजेंसी (DRDA) में एडिशनल डिप्टी कमिश्नर/प्रोजेक्ट डायरेक्टर पद की जिम्मेदारी मिली थी। इससे पहले वे कांगड़ा व चंबा में SDM भी रह चुके हैं।