New Delhi : इस समय की बड़ी खबर सामने आ रही है। अब देश के किसी भी केंद्रीय विद्यालय में किसी भी सांसद और जिलाधिकारी कोटे से एडमिशन पर रोक लगा दी है। अब देश के किसी भी केंद्रीय विद्यालय में सांसद, जनप्रतिनिधियों और डीएम के कोटे से एडमिशन नहीं होंगे। यह जानकारी केंद्रीय विद्यालय संगठन के उपायुक्त के.शाशिन्द्र ने दी है। यह आदेश केंद्रीय विद्यालय संगठन हेडक्वार्टर की तरफ से जारी किया गया है। सरकार के इस फैसले से हर वर्ग के लोगों को फायदा मिलेगा। सरकार का मानना है कि इस फैसले के बाद एससी, एसटी और ओबीसी कोटे से हर साल 15 हजार छात्रों को फायदा मिलेगा।
15 हजार छात्रों को फायदा मिलेगा
भाजपा सांसद सुशील मोदी ने बताया कि वो लगातार इसकी मांग करते आए हैं। सदन में भी इस मुद्दे को उठाया गया था। उन्होंने बताया कि सांसद कोटे से 7500 और जिलाधिकारी कोटे से 22 हजार छात्रों के दाखिले होते रहे। हर सांसद 10 और विद्यालय प्रबंधक समिति अध्यक्ष के नाते हर जिलाधिकारी अपने जिले के प्रत्येक केंद्रीय विद्यालय में न्यूनतम 17 छात्रों का एडमिशन अभी तक अपने कोटे से कराते आए, लेकिन इस फैसले के अब ऐसा नहीं होगा।
जनप्रतिनिधियों से लोगों की नाराजगी का कारण बना कोटे : सुशील मोदी
सुशील मोदी ने बताया कि इन कोटों से नामांकन पर रोक लगाने के बाद अब सीधे 30 हजार सीटों में बढ़ोतरी होगी। पहले इस तरह एडमिशन में आरक्षण और योग्यता दोनों को किनारे रख दिया जाता था, लेकिन अब योग्य पात्रों के लिए सीटों की झंझट बहुत कम हो सकेगी। यह कोटा जनप्रतिनिधियों से लोगों की नाराजगी का कारण बन गया था। निवेदन करने वाले सैंकड़ो की तादाद में आते थे, जबकि एक सांसद केवल 10 छात्रों का ही नामांकन अपने कोटे से करा सकता था। जिसके बाद बाकी लोग नाराज हो जाते थे और सांसद के लिए पूरा जिला महत्वपूर्ण होता है।
क्या है केंद्रीय विद्यालय में सांसद कोटा
साल 1975 में केंद्र सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों में विशेष योजना के तहत सांसद कोटा का निर्धारण किया था। इसके तहत लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों के लिए सीटों की संख्या तय की गई थी। इसके माध्यम से जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र के प्रमुख और जरूरतमंद लोगों को सुविधा दे सकते थे। सांसद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय विद्यालय संगठन को एक कूपन और छात्र जिसका प्रवेश कराना हो उसकी पूरी जानकारी भेजते हैं। इसके बाद संगठन द्वारा आधिकारिक वेबसाइट पर शॉर्टलिस्ट किए गए छात्र का नाम जारी किया जाता है और इसके बाद एडमिशन की प्रक्रिया शुरू होती है। हालांकि, ध्यान देने वाली बात है कि यह सुविधा केवल पहली से नौवीं कक्षा तक ही लागू होती है। सांसदों के साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री के पास भी 450 छात्रों को प्रवेश दिलाने का कोटा दिया गया है।