Noida News : शनि पंचामृत अभिषेक हुआ सफल, भक्तों ने कहा- रक्षा बंधन से पहले चंदा मामा का मिला उपहार

नोएडा | 1 साल पहले | Nitin Parashar

Tricity Today | शनि भगवान को स्नान कराया गया।



Noida News : भारत ने इतिहास रचते हुए बुधवार को चंद्रयान-3 की लैंडिंग हुई। बुधवार को चंद्रयान-3 ने 6:04 मिनट पर चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की। सेक्टर-14ए स्थित श्री सिद्ध पीठ शानि मंदिर में चंद्रयान की सफल लैंडिंग को लेकर भगवान शनि देव का पंचामृत अभिषेक किया गया। इस मौके पर मौजूद श्रद्धालुओं ने विशेष पूजा अर्चना कर प्रार्थना की। इसके अलावा शहर के लगभग सभी मंदिरों में सुबह से पूजा पाठ की जा रही थी।

शनि सेवा समिति के उपाध्यक्ष राजीव मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया है कि शनि मंदिर में प्रत्येक बुधवार को होने वाले पंचामृत अभिषेक को इस बार विशेष रूप से बनाया गया। दूध, दही, शहद, गंगाजल और शक्कर से शनि भगवान को स्नान कराया गया। चंद्रयान पूरी तरह से सफलता पूर्वक चंद्रमा पर लैंडिंग करें, इसको लेकर शनि मंत्र के साथ प्रार्थना की गई। 

रक्षा बंधन से पूर्व मामा का उपहार : राजीव मिश्रा
राजीव मिश्रा ने बताया कि चांद्रमा की हमारी धरती माता बहन  है, उस पर रहने वाले हम सभी लोग चांद के भांजे है। बहन और भांजे को रक्षा बंधन से पूर्व मामा का उपहार मिला है। अब चंदा मामा दूर के नहीं टूर के हो जाएंगे। भावपूर्ण अभिषेक कार्यक्रम में पंडित बीनू शर्मा, प्रमोद त्यागी, अभिषेक मिश्रा, ललित मिश्रा, सुरेश चौरसिया, प्रवीण पांडे, पवन कुमार, देवेन्द्र कुमार, रामवीर शार्मा आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।

मिशन से भारत को क्या हासिल होगा
इसरो के एक्स साइंटिस्ट मनीष पुरोहित कहते हैं कि इस मिशन के जरिए भारत दुनिया को बताना चाहता है कि उसके पास चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने और रोवर को वहां चलाने की काबिलियत है। इससे दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ेगा, जो कॉमर्शियल बिजनेस बढ़ाने में मदद करेगा। भारत ने अपने हेवी लिफ्ट लॉन्च व्हीकल LVM3-M4 से चंद्रयान को लॉन्च किया है। इस व्हीकल की काबिलियत भारत पहले ही दुनिया को दिखा चुका है। बता दें, बीते दिनों अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस की कंपनी 'ब्लू ओरिजिन' ने इसरो के LVM3 रॉकेट के इस्तेमाल में अपना इंटरेस्ट दिखाया था। ब्लू ओरिजिन LVM3 का इस्तेमाल कॉमर्शियल और टूरिज्म पर्पज के लिए करना चाहता है। LVM3 के जरिए ब्लू ओरिजिन अपने क्रू कैप्सूल को प्लान्ड लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) स्पेस स्टेशन तक ले जाएगा।

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