गौतमबुद्ध नगर के स्कूल इस साल भी फीस नहीं बढ़ाएंगे, डीएम ने अभिभावकों को इसके अलावा एक और बड़ी राहत दी

नोएडा | 4 साल पहले | Anika Gupta

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो



गौतमबुद्ध नगर डिस्ट्रिक्ट फीस रेगुलेटरी कमेटी (Gautam Buddh Nagar DFRC) ने जिले के अभिभावकों को बड़ी राहत दी है। शिक्षण सत्र 2021-22 में भी जिले का कोई प्राइवेट स्कूल फीस बढ़ोतरी नहीं करेगा। पिछले शिक्षण सत्र 2020-21 के मुताबिक ही फीस ली जाएगी। आपको बता दें कि बीते साल भी कोरोनावायरस संक्रमण के कारण फीस बढ़ोतरी नहीं की गई थी। शिक्षण सत्र 2019-20 के बराबर सत्र 2020-21 में फीस ली गई थी। मतलब, जिले के सारे प्राइवेट स्कूल अगले एक साल तक वर्ष 2019-20 की बराबर ही फीस लेंगे। जिले के कई प्राइवेट स्कूलों ने डीएफआरसी को फीस बढ़ाने के प्रस्ताव दिए थे। कमेटी ने सभी प्रस्ताव खारिज कर दिए हैं।

जिला विद्यालय निरीक्षक और गौतमबुद्ध नगर डिस्टिक फीस रेगुलेटरी कमेटी के सचिव धर्मवीर सिंह ने बताया कि जिले के प्राइवेट स्कूलों की ओर से फीस बढ़ाने के प्रत्यावेदन मिले थे। इन पर विचार करने और अगले शिक्षण सत्र में स्कूलों की फीस निर्धारित करने के लिए मंगलवार को डीएफआरसी की बैठक जिलाधिकारी सुहास एलवाई की अध्यक्षता में की गई। डीएफआरसी ने फीस बढ़ाने के सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया है। अगले शिक्षण सत्र के लिए जिले का कोई भी प्राइवेट स्कूल शिक्षण शुल्क नहीं बढ़ाएगा। चालू शिक्षण सत्र में स्कूलों ने जितनी फीस ली है, उतनी ही अगले एक साल तक ली जाएगी। यह निर्धारण सत्र 2019-20 में किया गया था। तब से कोरोनावायरस संक्रमण के चलते किसी भी स्कूल के शुल्क में वृद्धि की अनुमति डीएफआरसी ने नहीं दी है।

इस वजह से नहीं बढ़ाई गई है स्कूलों की फीस
जिला विद्यालय निरीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया कि अभी पूरे राज्य में महामारी अधिनियम लागू है। जिसके चलते अभिभावकों पर किसी भी तरह का आर्थिक बोझ नहीं डाला जा सकता है। डीएफआरसी और डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने स्कूलों को महामारी अधिनियम के तहत मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए शुल्क नहीं बढ़ाने का आदेश दिया है। अगर कोई विद्यालय डीएफआरसी के आदेशों का पालन नहीं करेगा तो उसके खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पूरे राज्य में पांडेमिक एक्ट-2005 अभी लागू है।

अभिभावकों को हर महीने शुल्क जमा करने की सुविधा मिलेगी
डीआईओएस धर्मवीर सिंह ने बताया कि कोई भी स्कूल त्रैमासिक, छमाही या वार्षिक आधार पर अभिभावकों से फीस नहीं लेगा। अभिभावकों को मासिक आधार पर शुल्क जमा करने का अधिकार है। अभिभावकों पर किसी भी तरह का आर्थिक बोझ नहीं पड़े, इसे ध्यान में रखते हुए सभी स्कूलों को मासिक आधार पर शुल्क लेने का आदेश दिया गया है। अगर कोई भी स्कूल फीस बढ़ाता है या अभिभावकों को एकमुश्त फीस जमा करने के लिए बाध्य करता है तो उसके खिलाफ लिखित शिकायत जिला विद्यालय निरीक्षक और जिलाधिकारी कार्यालय में दी जा सकती है।

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