Tricity Today | नोएडा प्राधिकरण द्वारा जारी वीडियो में एक करोड़ का कट
Noida News : नोएडा अथॉरिटी की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी (Ritu Maheshwari IAS) ने शनिवार की सुबह एक ट्वीट किया है। यह सीईओ के ऑफिशल टि्वटर हैंडल से किया गया है। जिसमें एक वीडियो अटैचमेंट है। जिसके जरिए शहर के लोगों को बताया गया है कि यातायात को सुगम बनाने के लिए यू-टर्न का निर्माण अथॉरिटी ने करवाया है। इससे आम आदमी को बड़ा फायदा होगा। इस ट्वीट पर शहर के लोग प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं। दरअसल, वीडियो ट्वीट में जिसे यू-टर्न बताया जा रहा है, वह सड़क के मीडियन में एक मामूली सा कट है। इस पर आई लागत लोगों के गले नहीं उतर रही है।
क्या है मामला
सीईओ के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से अंग्रेजी में ट्वीट किया गया है। जिसका अर्थम यहां हिंदी में लिख रहे हैं। लिखा है, "99.71 लाख की परियोजना लागत से सेक्टर-67 और सेक्टर-70 की सड़क पर एक नए यू-टर्न का निर्माण किया गया है। यह यातायात में देरी को कम करेगा। कम स्टॉप सुनिश्चित करेगा और यातायात में वाहनों की भीड़ को कम करेगा। यह निवासियों के लिए समय बचाने में मदद करेगा।" ट्वीट में अटैच किए गए वीडियो को देखकर लोग हैरान हैं। दरअसल, जिसे यू-टर्न बताया गया है, वह सड़क के डिवाइडर में एक मामूली सा कट है। इस पर नोएडा विलेज रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रंजन तोमर ने आश्चर्य प्रकट करते हुए प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने लिखा है, "यह बेतुका है। मैम यह कहीं भी एक करोड़ रुपये की लागत के करीब नहीं लगता है? क्या ये ट्वीट आपने ही किया है? अगर ऐसा है तो जनता के पैसे की शुद्ध बर्बादी है।"
क्या यह यू-टर्न टाइटेनियम से बना है?
एक अन्य निवासी समीर रंजन ने लिखा है, "एक मामूली सा यू-टर्न और खर्चा 99.7 लाख रुपये है। इसको बनाने में क्या लगाया गया है? क्या यह टाइटेनियम से बनाया है?" एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा है, "महोदया विनम्र निवेदन है, एक उपकार और करें। नोएडा के निवासियों पर इसका नाम 'करोड़ी यू-टर्न' रख दीजिए। याद रखने में बहुत सुविधा होगी।"
इसका नाम 'एक करोड़ यू-टर्न' रख दीजिए
नेशनल एंड रो नामक ट्विटर से लिखा गया है, "महोदय विनम्र निवेदन है कि एक उपकार और कर दीजिए। इसका नाम 'एक करोड़ यू-टर्न' रख दीजिए। याद रखने में नोएडा वालों को बहुत सुविधा होगी।" उन्होंने आगे लिखा, "वाह भारत के स्मार्ट सिटी आकांक्षा अग्रदूत नोएडा से शहरी नियोजन का शानदार उदाहरण है।"