नोएडा वालों के लिए ख़ास खबर : वह दिन दूर नहीं जब 5 राज्यों के 50 जिलों तक मिलेगी हेलीकॉप्टर सुविधा

नोएडा | 1 साल पहले | Pankaj Parashar

Tricity Today | Ritu Maheshwari



Noida News : नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) ने सेक्टर-151ए में हेलीपोर्ट (Noida Heliport) बनाने के लिए एक बार फिर टेंडर जारी किया है। एक कंपनी हायर की जाएगी, जो हेलीपोर्ट का डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण का मॉडल तैयार करेगी। यह प्रोजेक्ट जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) की तरह सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत बनाया जाएगा। यहां से कमर्शियल हेलीकॉप्टर के संचालन की सुविधा आम और खास को मिलेगी।

आसान और तेज होगी नोएडा की कनेक्टिविटी
नोएडा अथॉरिटी के मुताबिक हेलीपोर्ट परियोजना का उद्देश्य नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में हेलीकॉप्टर कनेक्टिविटी बनाना है। वायु यात्रियों को नोएडा हवाईअड्डे से सीधे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे तक हेलीकॉप्टर मिलेंगे। दिल्ली और अन्य पड़ोसी शहरों जैसे मथुरा, आगरा और देहरादून तक नोएडा से उड़ान भरने का भी मौका मिलेगा। इससे उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड में टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। आपातकालीन परिस्थितियों में हेलीकॉप्टर के जरिए 400 किलोमीटर तक का सफर बेहद आसान और तेज हो जाएगा।

12 नवंबर को बोर्ड बैठक में मिली मंजूरी
आपको बता दें कि पिछले महीने 12 नवंबर को नोएडा अथॉरिटी के बोर्ड ने हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट के लिए 'रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल' को मंजूरी दी है। प्रोजेक्ट की डीपीआर के अनुसार हेलीपोर्ट ग्रेटर नोएडा से 10 किलोमीटर दूर, दिल्ली हवाईअड्डे से 50 किलोमीटर और नोएडा से 27 किलोमीटर दूर बनेगा। हेलीपोर्ट के लिए कमबख्शपुर गांव में प्राधिकरण ने 9.3 एकड़ जमीन चिह्नित की है। यह साइट नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर है। एक्वा लाइन मेट्रो के सेक्टर-147 स्टेशन के पास है।

हेलीपोर्ट पर यह सुविधाएं होंगी
हेलीपोर्ट तीन ओर से सेक्टर 151ए में बन रहे गोल्फ कोर्स से घिरा होगा। इस हेलीपोर्ट के आसपास वीआईपी और कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों के आवागमन की सुविधा रहेगी। नोएडा अथॉरिटी के एक अधिकारी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट की बदौलत राजस्व बढ़ेगा। हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों के लिए शानदार अवसर होगा। हेलीपोर्ट से बेल 412 हेलीकाप्टरों को लैंडिंग और टेकऑफ की सुविधा होगी। इन हेलीकॉप्टर में 13 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। इसमें हेलीपैड, एप्रेन, टैक्सी-वे, हैंगर और एक टर्मिनल बिल्डिंग होगी।

43 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा
प्राधिकरण की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस परियोजना पर 43 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। आवेदन की आखिरी तारीख 12 जनवरी 2023 है। तकनीकी बोलियां एक दिन बाद 13 जनवरी को खोली जाएंगी। सितंबर में सलाहकार कंपनी ने कुछ कमियां बताई थीं। प्राधिकरण ने इस परियोजना के लिए एक निविदा निकाली थी। जो रद्द करनी पड़ी थी। अब फिर से इसकी डीपीआर तैयार की गई है। संशोधित डीपीआर के मुताबिक परियोजना का मकसद यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और दिल्ली के पड़ोसी जिलों को जोड़ना है।

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