Noida Twin Towers : सुपरटेक के मालिक ने बताया अपने दिल का हाल, बोले- नहीं आई रात भर नींद, खुद ही देना पड़े तोड़ने के पैसे

नोएडा | 2 साल पहले | Rupal Rathi

Google Image | RK Arora



Noida News : नोएडा के सेक्टर-93ए स्थिति सुपरटेक एमेरल्ड कोर्ट में बने ट्विन टावर को रविवार को ध्वस्त कर दिया गया। यह ध्वस्तीकरण बेहद ही सफल रहा। महज 9 सेकेंड के अंदर ही ट्विन टावर जमींदोज हो गया। जिसके बाद एक विशाल धूल का गुब्बारा उड़ा। जिससे चारों तरफ धूल ही धूल हो गई। इस दौरान कोई भी छती आसपास की इमारतों को नहीं हुई। वहीं, ध्वस्तीकरण से पहली रात आरके अरोरा के लिए बेहद ही मुश्किल रही। एक मीडिया चैनल से बातचीत करते हुए आरके अरोरा अपना दर्द छुपा नहीं पाए। जब उनसे पूछा गया कि आपको ट्विन टावर के गिराने पर कैसा महसूस हुआ, तो उनका दर्द चल पड़ा। उन्होंने कहा कि हमने इस इमारत को बड़ी ही मेहनत के साथ बनाया है अब इसे हमें ही ध्वस्त करना पड़ रहा है। साथ ही उसके पैसे भी हमे भी देने पद रहे है, तो सोचों दिल पर क्या बीतेगी। 

"टावरों को ध्वस्त करने पर सोचे मेरे दिल पर क्या गुजर रही होगी"
सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोरा ने बताया कि हमने ट्विन टावर को बनाने की शुरुआत 2009 में की थी। बड़ी ही मेहनत के साथ हमने इसे बनाना शुरू किया। ऐसे में अभी से गिरा देने पर सोचे मेरे दिल पर क्या गुजर रही होगी। यही नहीं उसे गिराने का सारा खर्चा भी हमें ही उठाना पड़ा। साथ ही रविवार से पहले शनिवार की रात को में सो तक नहीं पाया। उन्होंने कहा कि बनाने से पहले हमने सभी अप्रूवल लिए थे। साथ ही सुरक्षा व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए इन इमारतों का निर्माण कराया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे तोड़ने के आदेश दे दिए। हमने फिर भी कोर्ट का आदेश का पालन करते हुए उन टावर को ध्वस्त करवाया। वहीं, इसके बावजूद भी में रात भर सोचता रहा कि ध्वस्तीकरण के दौरान आसपास के किसी इमारत को कोई नुकसान ना हो।

"बाकी के प्रोजेक्टों नहीं पड़ेगा कोई असर" 
वहीं, उनसे पूछा गया कि सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद इसको गिराने का दूसरे प्रोजेक्ट पर क्या असर पड़ेगा? इसका जवाब देते हुए आरके अरोरा ने बताया कि हमारे सभी प्रोजेक्ट का बखूबी से काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 40 साल में 70 हजार से ज्यादा घरों की पजेशन सभी होमबायर्स को दी जा चुकी है। आगे भी हम टाइम पर पजेशन देंगे। ट्विन टावर का असर दूसरे प्रोजेक्ट पर नहीं पड़ेगा। इसलिए बाकी के होमबायर्स को भी घबराने की जरूरत नहीं है। आपको बता दें कि सुपरटेक के करीब 20 हजार निर्माणाधीन फ्लैट है। जिन सभी का कार्य 70 से 80 फीसदी तक पूरा हो गया है।

"40 साल से हम इस सेक्टर में कर रहे कार्य" 
उन्होंने कहां की इस सेक्टर में हम 40 साल से काम कर रहे हैं। हम पहले अप्रूवल लेते हैं और उसके बाद इमारतों को बनाते हैं। किसी भी तरह के करप्शन में हमारा कोई हाथ नहीं है। सभी प्रोजेक्ट का अप्रूवल लेकर ही कार्यशुरू किया गया था। बिल्डिंग के बीच में फासले पर आरके अरोरा ने कहा कि दो इमारतों के बीच में 6 मीटर का स्पेस होना चाहिए, लेकिन हमने 9.78 मीटर का रखा था।

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