Noida News : राज्यसभा के उपसभापति और गौतमबुद्ध नगर संसदीय क्षेत्र के पूर्व सांसद सुरेंद्र सिंह नागर तीसरी बार राज्यसभा पहुंचे हैं। वह निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। यह चुनाव जीतने के बाद बुधवार को पहली बार गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर आएंगे। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और उनके समर्थक स्वागत की तैयारियों में जुटे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में अक्षरधाम, गाजियाबाद में लाल कुआं से लेकर दादरी, सिकंदराबाद और गुलावठी तक राज्यसभा सांसद का जोरदार स्वागत किया जाएगा।
दिल्ली, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और बुलदंशहर में 62 जगह होगा स्वागत
भारतीय जनता पार्टी की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक सुरेंद्र सिंह नागर सुबह 9:10 बजे अक्षरधाम पहुंचेंगे। वहां पहले से ही कार्यकर्ता उनका इंतजार करेंगे। उनका जोरदार स्वागत किया जाएगा। इसके बाद आगे 62 स्थानों पर सुरेंद्र नागर का गांवों कस्बों और शहरों में अभिनंदन किया जाएगा। इसके लिए सांसद के कार्यालय ने विस्तृत कार्यक्रम जारी किया है। सुरेंद्र नागर की यह स्वागत यात्रा उनके पैतृक कस्बे गुलावठी में रात करीब 8:00 बजे संपन्न होगी। कुल मिलाकर सुरेंद्र नागर दिल्ली अक्षरधाम से बुलंदशहर में गुलावठी कस्बे तक करीब 50 किलोमीटर का सफर 11 घंटे में तय करेंगे।
पहले लाल कुआं और फिर दादरी में होगा ऐतिहासिक स्वागत : अन्नू पंडित
भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष अन्नू पंडित ने बताया, राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर के स्वागत को लेकर जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं। पहले गाजियाबाद के लाल कुआं पर सुरेंद्र नागर का भव्य स्वागत किया जाएगा। गाजियाबाद, नोएडा, दादरी, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट से हजारों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और समर्थक सांसद का स्वागत करने लाल कुआं पहुंचेंगे।
इसके बाद उनका काफिला दादरी पहुंचेगा। दादरी में भी सांसद का ऐतिहासिक स्वागत किया जाएगा। इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अन्नू पंडित ने बताया कि बुलंदशहर के सिकंदराबाद और गुलावठी समेत कई इलाकों में सुरेंद्र सिंह नागर का स्वागत किया जाएगा। वहां भी जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं।
सुरेंद्र नागर ने किसान हितों के लिए ऐतिहासिक काम किए : सचिन भारद्वाज
ब्राह्मण समाज के युवा नेता सचिन भारद्वाज बरोला ने कहा, "गौतमबुद्ध नगर सीट सामान्य होने के बाद सुरेंद्र नागर वर्ष 2009 में पहली बार लोकसभा सांसद चुने गए थे। उस वक्त गौतमबुद्ध नगर जिले में किसानों की समस्याएं चरम पर थीं। सुरेंद्र नागर ने किसान हितों में ऐतिहासिक काम किए हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के किसानों को हक दिलाया। उनके हकों की लड़ाई लखनऊ से लेकर दिल्ली तक लड़ी। उन्होंने अपने कार्यकाल में किसानों का मुआवजा बढ़ाने से लेकर आबादी निस्तारण तक के मामले सुलझवाए। उन्हीं की पहल पर उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईपावर कमेटी का गठन किया था। जिसकी सिफारिशों पर गौतमबुद्ध नगर के किसानों को 64.7% अतिरिक्त मुआवजा और 10% आबादी देने का प्रावधान हुआ। सुरेंद्र नागर ने हमेशा जाति-बिरादरी से ऊपर उठकर क्षेत्र के लोगों की मदद की है।"
57 वर्षीय सुरेंद्र नागर को 24 साल का पार्लियामेंट्री एक्सपीरियंस
सौम्य स्वभाव, ठहराव और टाइमिंग शॉट के लिए मशहूर सुरेंद्र सिंह नागर एक बार फिर राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। सुरेंद्र नागर फिलहाल राज्यसभा के उपसभापति हैं। उन्होंने पिछले 6 वर्षों में राज्यसभा के लिए तीसरा चुनाव जीता है। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे अनुभवी नेताओं में शुमार सुरेंद्र सिंह नागर की उम्र 57 साल है। विधान परिषद, लोकसभा और राज्यसभा में 24 वर्षों का अनुभव हासिल कर चुके हैं। सुरेंद्र सिंह नागर का भारतीय जनता पार्टी में कद तेजी के साथ बढ़ रहा है। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ना केवल उन्हें समाजवादी पार्टी से लेकर आया बल्कि भाजपा में प्रदेश उपाध्यक्ष जैसी जिम्मेदारी सौंपी। राज्यसभा में उपसभापति भी बनाया है।
साफ-सुथरी छवि के गुर्जर नेता हैं सुरेंद्र नागर
सुरेंद्र सिंह नागर की छवि 'मिस्टर क्लीन' वाली है। जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान के गुर्जर समुदाय में नागर की अच्छी पकड़ है। पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान सुरेंद्र नागर में गुर्जर मतदाताओं को अपनी पार्टी के पक्ष में मोड़ने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह लगातार जम्मू-कश्मीर में गुर्जर समुदाय के बीच दौरे कर रहे हैं। मेरठ के वरिष्ठ पत्रकार डॉ.कुलदीप त्यागी कहते हैं, "इस वक्त भारतीय जनता पार्टी अन्य पिछड़ा वर्ग को साधकर सत्ता में बनी हुई है। ब्रॉड स्पेक्ट्रम को छोड़कर केवल वेस्टर्न यूपी पर फोकस करें तो सुरेंद्र सिंह नागर की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। इस इलाके में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, बिजनौर, मुरादाबाद, अमरोहा, हापुड़, बुलदंशहर और गौतमबुद्ध नगर में गुर्जर समुदाय की अच्छी-खासी तादाद है।"
डॉ.कुलदीप त्यागी ने आगे कहा, "इस इलाके में जाटों के सामांतर खेतीबाड़ी से जुड़ी अन्य पिछड़ा वर्ग की बिरादरी में गुर्जर महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। सुरेंद्र नागर के पिता अपने समुदाय के बीच पॉपुलर थे। नागर ने उस पॉपुलेरिटी को और बढ़ाया है। वह साफ छवि के निर्विवाद पॉलिटिकल फिगर बने रहे हैं। करीब ढाई दशक से देश के किसी न किसी सदन में काम कर रहे हैं। 60 साल की उम्र से पहले इतना लंबा अनुभव बड़े मायने रखता है। भारतीय जनता पार्टी ने सुरेंद्र नागर के जरिए गुर्जरों को साधने में कामयाबी हासिल की है।"
विधान परिषद, लोकसभा और राज्यसभा में लम्बा अनुभव
सुरेंद्र सिंह नागर ने संसदीय राजनीति की शुरुआत उत्तर प्रदेश विधान परिषद से की। वर्ष 1998 में वह स्थानीय निकाय सीट से चुनाव जीतकर एमएलसी बने। साल 2004 में दोबारा इसी सीट से चुनाव जीता। विधान परिषद में 10 समितियों के सदस्य रहे। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले गौतमबुद्ध नगर सीट सामान्य हो गई। सुरेंद्र नागर ने बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा। उनके सामने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी डॉ.महेश शर्मा थे। सुरेंद्र नागर ने जीत हासिल की और लोकसभा पहुंच गए। इसके बाद 2016 में राज्यसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
नागर जुलाई 2019 तक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रहे। समाजवादी पार्टी और राज्यसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा ने सुरेंद्र नागर के इस्तीफे से खाली हुई राज्यसभा की सीट पर उन्हीं को अपना उम्मीदवार बनाया। इस तरह सुरेंद्र नागर ने दूसरी बार राज्यसभा चुनाव जीता। मतलब, पिछले 6 वर्षों में उन्होंने राज्यसभा के लिए 3 चुनाव लड़े हैं। सुरेंद्र सिंह उन चुनिंदा नेताओं में शुमार हैं, जिन्हें विधान परिषद राज्यसभा और लोकसभा में काम करने का अनुभव हासिल है।