Noida News : भारतीय किसान यूनियन (अ) का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को जिलाध्यक्ष राजेश उपाध्याय के नेतृत्व में किसानों की समस्याओं को लेकर नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के अफसरों से मिला। किसानों ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी (Ritu Maheshwari IAS) के नाम एक ज्ञापन अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रवीण मिश्रा, विशेष कार्याधिकारी प्रसून द्विवेदी और एसडीएम विनीत मिश्रा को सौंपा है। किसानों के प्रतिनिधिमंडल और तीनों अफसरों के बीच लंबी बातचीत हुई है। किसानों को समस्याओं के समाधान का आश्वासन मिला है। किसानों ने अफसरों को दो टूक चेतावनी दी है, "यदि जल्दी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो अथॉरिटी पर ताला जड़ देंगे।"
प्राधिकरण के अफसर 10 दिनों में किसानों को जवाब देंगे
प्राधिकरण अधिकारियों ने किसानों को 10 दिन के अंदर समीक्षा मीटिंग करके सभी कार्यों पर स्थिति स्पष्ट करने का आश्वासन किसानों को दिया है। किसानों ने विशेष रूप से आबादी विनियमितीकरण 2011 की प्रक्रिया रोकने और भूलेख विभाग के तहसीलदारों द्वारा किसानों की आबादी को अतिक्रमण बताकर 5% आवासीय भूखंड आवंटन रोकने पर आपत्ति जाहिर की है। किसानों ने कहा कि आवासीय भूखंड देने के लिए प्राधिकरण के पास जमीन उपलब्ध नहीं है। इसके बदले मिलने वाली समतुल्य धनराशि और 5% आवासीय भूखंड के बदले मुआवजा राशि को रोक कर रखा गया है। किसानों का अतिक्रमण के नाम पर पिछले कई साल से शोषण, दमन और आर्थिक उत्पीड़न किया जा रहा है।
आबादी से जुड़े मसले सुलझने तक तोड़फोड़ नहीं करें
किसानों ने कहा, "आबादी नियमावली-2011 के तहत 450 वर्ग मीटर प्रति किसान आवासीय भूमि देने का प्रावधान है। परिवार में प्रत्येक बालिग संतान को अलग परिवार का दर्जा आबादी विनियमितीकरण नियमावली में दिया गया है। किसी भी किसान के 5% आवासीय भूखंड या समतुल्य धनराशि और मुआवजा रोकने का नियम 3 वर्ष पूर्व नहीं था।" यूनियन ने प्राधिकरण से पूछा कि किसानों की आबादी से जुड़े मामलों का ग्रामवार कितने दिन में निस्तारण करेगा। कब तक कार्यालय आदेश जारी करेंगे। किसानों ने आगे कहा कि जब तक गांव में किसानों की आबादी के विनियमितीकरण की कार्रवाई पूर्ण नहीं हो जाती है, तब तक किसी भी किसान की आबादी पर तोड़फोड़ नहीं की जा सकती है।
समस्याएं सुलझाने से पहले भूमि आवंटन बंद करे प्राधिकरण
किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि जब तक सभी किसानों का 5% आवासीय भूखंड और 1976 से 1997 तक आवासीय योजनाओं में 17.5% आरक्षित कोटे वाले भूखंड नहीं मिल जाते, तब तक प्राधिकरण किसी प्रकार की आवासीय भूखंड, वाणिज्यिक और औद्योगिक स्कीम जारी करके जमीन बेचने की कोशिश नहीं करे। सभी कार्यों को करने की समय अवधि ग्रामवार तय की जाए। कार्यालय आदेश जारी करके किसानों को अवधि से अवगत कराया जाए। यदि किसानों का हिसाब चुकता किए बिना जबरिया प्राधिकरण कोई भूमि बेचने की स्कीम लाता है तो उसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन (अ) और अन्य किसान संगठन मिलकर प्राधिकरण दफ्तर को चारों तरफ से सील करने करेंगे। किसी किसान के साथ यदि कोई घटना आंदोलन के दौरान घटती है तो उसकी जिम्मेदारी स्वयं नोएडा चेयरमैन की होगी।
सीईओ के नाम ज्ञापन प्रेषित करने वालों में मुख्य रूप से शर्मा यादव, धर्मवीर यादव, राजेश उपाध्याय, बाबूराम, सतीश कुमार, रमेश चंद, अरुण प्रधान, संजय शर्मा, सोनू तंवर, मनवीर यादव और मुकेश यादव आदि लोग मौजूद रहे।