Google Image | नोएडा में कोरोना संक्रमित बच्चों की संख्या एक फीसदी से कम
कोरोना वायरस की तीसरी लहर का बच्चों और महिलाओं पर ज्यादा असर होने का दावा दिनों-दिन कमजोर पड़ता दिखाई दे रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि तीसरी लहर भी इसी रफ्तार से आगे बढ़ेगी। इसी अनुपात में बच्चे संक्रमित होंगे और उनकी हालत भी बेहद गंभीर नहीं होगी। उन्हें सामान्य परेशानी होगी। गौतमबुद्ध नगर में बच्चों की चिंता अभिभावकों को सता रही है। लेकिन आंकड़ें बताते हैं कि अब तक जनपद में कोरोना वायरस के कुल मामलों में से सिर्फ 0.4% बच्चे प्रभावित हुए हैं। फिर भी एहतियात बरतते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों के लिए 550 बेड रिजर्व रखने की तैयारी शुरू कर दी है।
बाल रोग विशेषज्ञों के काफी पद खाली
दरअसल पहले विशेषज्ञों का दावा था कि तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा घातक होगी। इसको देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों ने बच्चों के लिए अत्याधुनिक आईसीयू बेड वाले हॉस्पिटल की तैयारी शुरू कर दी थी। गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने भी बच्चों के इलाज के लिए 550 बेड की कवायद शुरू कर दी है। हालांकि चिंता की बात यह है कि बाल रोग विशेषज्ञों के अभी भी काफी पद खाली हैं। सुपर स्पेशलिटी चाइल्ड हॉस्पिटल में प्रोफेसर के 64 पद हैं। लेकिन फिलहाल इसमें से 29 पद भरे हुए हैं। इसी तरह नोएडा के अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में 12 शिशु रोग विशेषज्ञ ड्यूटी में हैं।
0.4 फीसदी हैं बच्चे
बताते चलें कि गौतमबुद्ध नगर में मार्च 2020 से लेकर अब तक 18 साल से कम उम्र वाले 288 बच्चे कोरोना संक्रमित मिले हैं। जबकि 25 मई तक जनपद में कोरोना के 62245 मरीज मिले थे। इसमें बच्चों की संख्या कुल कोरोना मरीजों की संख्या के 0.4% है। वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर धर्मेंद्र गुप्ता कहते हंै कि जनपद में अगर ज्यादा बच्चे संक्रमित हुए, तो भी उन्हें सामान्य तरह की परेशानी होगी। बहुत कम बच्चों की हालत गंभीर होगी। फिर भी सावधानी बरतते हुए हमने तैयारी शुरू कर दी है। नोएडा स्थित चाइल्ड हॉस्पिटल में बच्चों के लिए पहले 100 बेड की तैयारी शुरू हुई है। लेकिन आपातकाल में इसे बढ़ाकर 200 बेड किया जाएगा। इसमें वेंटिलेटर और आईसीयू बेड शामिल हैं।
500 अत्याधुनिक बेड तैयार होंगे
सीएमओ डॉ दीपक ओहरी ने बताया कि तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। जनपद में बच्चों के लिए अत्याधुनिक 550 बेड की तैयारी शुरू हो गई है। विभाग हालात पर नजर बनाए हुए है। जरूरत पड़ने पर सारे संसाधन फौरन उपलब्ध हो जाएंगे। चाइल्ड हॉस्पिटल के निदेशक डॉ देवेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि घबराने की जरूरत नहीं है। तीसरी लहर में भी बच्चे ज्यादा प्रभावित नहीं होंगे। जनपद में संक्रमण का जो औसत बच्चों में पहले से है, वही जारी रहने की उम्मीद है। बाल रोग विशेषज्ञों की कम संख्या पर उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर लखनऊ से डॉक्टर बुलाए जाएंगे।