देश की सबसे ऊंची रिहायशी इमारत नोएडा में होगी या मुंबई में, यह अगले साल तय होगा। दरअसल, नोएडा और मुंबई के दो बिल्डर इस वक्त देश की सबसे ऊंची रिहायशी इमारत बनाने में जुटे हैं। बड़ी बात यह है कि दोनों परियोजनाओं को पूरा करने का वक्त 2021 रखा गया है। दोनों प्रोजेक्ट में एक और बड़ी समानता है। मुंबई का यह रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट फाइनेंशियल क्राइसिस के चलते लटक गया था। दूसरी ओर पिछले 2 सालों से रियल एस्टेट सेक्टर में आई आर्थिक मंदी की चपेट में आने की वजह से नोएडा की परियोजना भी अटकी हुई है। हालांकि, दोनों बिल्डरों ने इन परियोजनाओं पर एक बार फिर नए सिरे से काम शुरू किया है।
हम मुंबई में बन रहे पैलेस रॉयले और नोएडा में सुपरनोवा प्रोजेक्ट की बात कर रहे हैं। सुपरनोवा स्पाइरा नोएडा में निर्माणाधीन मिश्रित उपयोग वाली गगनचुंबी इमारत है। यह शहर के सेक्टर-94 में स्थित है। करीब दो साल पहले इसका पहला चरण पूरा हो चुका है। दूसरे चरण पर काम चल रहा है। अगले साल 2021 में इसका निर्माण पूरा हो जाएगा। अक्टूबर 2015 तक सुपरनोवा स्पाइरा का निर्माण 40% और लगभग 34 मंजिलों से पूरा हो चुका था। जनवरी 2016 तक सुपरनोवा स्पाइरा का निर्माण 38 मंजिलों का पूरा किया गया। जून 2018 तक निर्माण 200 मीटर तक पहुंच गया था। जिसमें 58 मंजिलें हैं। जुलाई 2020 तक सुपरनोवा स्पाइरा का निर्माण 64वीं मंजिल तक पूरा हो चुका है। वर्ष 2021 के मध्य तक इसे पूरा कर लिया जाएगा, ऐसा इसे बना रही कम्पनी सुपरटेक का दावा है। सुपरनोवा स्पाइरा
जब सुपरनोवा स्पाइरा बनकर तैयार हो जाएगी तो इसकी ऊंचाई 300 मीटर होगी। इसमें तलों की संख्या 80 होगी। बिल्डरों की संस्था यूपी नरेडको के अध्यक्ष और सुपरटेक स्पाइरा प्रोजेक्ट को विकसित कर रही कंपनी सुपरटेक लिमिटेड के चेयरमैन आरके अरोड़ा का कहना है, "यह परियोजना अब तक पूरी हो जानी चाहिए थी। कुछ दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों के कारण बार-बार काम अटकता रहा। पिछले 2 वर्षों से रियल एस्टेट सेक्टर आर्थिक मंदी की चपेट में है। इसका बुरा प्रभाव इस परियोजना पर पड़ा है। अब करीब एक साल से कोरोनावायरस के संक्रमण से विश्वव्यापी महामारी ने परियोजना को रोक दिया है। हमने एक बार फिर काम शुरू कर दिया है, लेकिन रफ्तार अपेक्षित नहीं है। उम्मीद है कि अगले साल के मध्य तक प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा। जब इमारत बनकर तैयार होगी तो इसकी ऊंचाई देश में सबसे ज्यादा होगी। हालांकि, इसके समांतर देश के अलग-अलग शहरों में ऐसी इमारतें बन रही हैं।"
दूसरी तरफ देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पैलेस रोयाले निर्माणाधीन स्काईस्क्रैपर है। यह मुंबई के लोअर परेल में बन रही है। यह श्रीराम मिल्स के स्वामित्व वाली भूमि पर बन रही है। यह पर्यावरणीय स्थिरता, ऊर्जा और पर्यावरण डिजाइन के हिसाब से प्लेटिनम रेटिंग हासिल करने वाली भारत में पहली सुपरटेल बिल्डिंग है। इसके निर्माण की अनुमति 2005 में दी गई थी और निर्माण 2008 में शुरू हुआ था। परियोजना की प्रगति वित्तीय समस्या के कारण रोक दी गई है। मई 2019 में साइट को नीलामी के लिए रखा गया था। कोई खरीदार नहीं मिला था। दूसरी नीलामी 2019 के मध्य में आयोजित की गई थी और अधूरी साइट को 705 करोड़ रूपये में ऑनेस्ट शेल्टर नामक कंपनी ने खरीदा था। मुंबई में पैलेस
इस इमारत में 120 अपार्टमेंट होंगे। जिनमें 740 से 1,300 वर्ग मीटर (8,000 और 14,000 वर्ग फुट) के बीच के क्षेत्रफल वाले होंगे। करीब 2,300 वर्ग मीटर वाले तलों पर सिनेमा घर, स्पा, क्रिकेट पिच, बैडमिंटन कोर्ट, फुटबॉल पिच और तीन स्विमिंग पूल जैसी सुविधाएं हैं। इसमें 8,20,000 वर्ग मीटर आवासीय स्थान है। इस इमारत को भी पूरा करने की समय सीमा वर्ष 2021 निर्धारित की गई है। अब देखना यह होगा कि पहले नोएडा में सुपरनोवा स्पाइरा का निर्माण पूरा होता है या मुंबई में पैलेस रॉयाले बनकर तैयार होती है। पैलेस रॉयाले की ऊंचाई 320 मीटर होगी। अगर यह इमारत नोएडा से पहले बनकर तैयार हुई तो फिर नोएडा के हिस्से में देश की दूसरी सबसे ऊंची इमारत आएगी।
आपको बता दें कि अगर नोएडा में सुपरनोवा स्पाइरा मुंबई की पैलेस रॉयाले से पहले बनकर तैयार हो जाती है तो देश की सबसे ऊंची इमारत का रिकॉर्ड नोएडा शहर के खाते में आ जाएगा। हालांकि, कुछ वक्त बाद ही यह रिकॉर्ड पैलेस रॉयाले तोड़ देगी। यहां एक बात बताना लाजिमी होगा कि जब यह दोनों इमारत बनकर तैयार हो जाएंगी तो न केवल भारत बल्कि दक्षिण एशिया में पहले और दूसरे नंबर की सबसे ऊंची इमारत भी होंगी।