आज की बड़ी खबर : नोएडा और गाजियाबाद में खड़ा होगा जलसंकट, 12 अक्टूबर रात से बंद हो जाएगी गंगनहर, नहीं मिलेगा गंगाजल 

नोएडा | 26 दिन पहले | Lokesh Chauhan

Google images | गंगनहर



Noida News : हरिद्वार से आने वाली गंगनहर को 12 अक्टूबर की रात से बंद कर दिया जाएगा। सालाना सफाई कार्यक्रम के तहत गंगनहर को बंद किया जाएगा। जिसके चलते दिवाली पर नोएडा और गाजियाबाद में जलसंकट खड़ा हो सकता है। हालांकि 2 नवंबर की रात में गंगनहर में फिर से पानी छोड़ दिया जाएगा, लेकिन इसे नोएडा और गाजियाबाद आने और सप्लाई को सुचारू किए जाने में करीब दो दिन का समय और लगेगा। ऐसे में लोगों को 4 नवंबर को ही गंगाजल का आपूर्ति मिल सकेगी। 
 
इसलिए बंद रहेगी गंगनहर 
सिंचाई विभाग के अवर अभियंता ने बताया कि 12 अक्टूबर से लेकर 2 नवंबर तक गंगनहर बंद रहेगी। दशहरा के समय किसानों को पानी की जरूरत कम रहती है। ऐसे में हर साल इस अवधि में गंगनहर की सफाई की जाती है। जिससे इसमें जमी मिट्टी, रेत और पानी के बहाव को अवरुद्ध करने वाली चीजों को हटाकर गंगनहर को सिंचाई के लि प्रभावी नहर के रूप में प्रयोग किया जा सके। गंगनहर के जरिये ही गंगाजल गाजियाबाबद के प्रताप विहार स्थित गंगाजल प्लांट में आता है। यहां पानी को शुद्ध किए जाने के बाद गाजियाबाद के साथ ही नोएडा में गंगाजल की आपूर्ति की जाती है। 

नोएडा के अधिकांश इलाके होंगे प्रभावित 
नोएडा के शहरी क्षेत्र में गंगाजल मिश्रित पानी की आपूर्ति की जाती है। कई सेक्टर ऐसे हैं, जहां 100 प्रतिशत गंगाजल ही पेयजल के रूप में सप्लाई किया जाता है। गंगनहर के बंद होने के कारण नोएडा के अधिकांश इलाकों में पानी की आपूर्ति प्रभावित होगी। हालांकि पेयजल की दिक्कत न हो, इसके लिए रेनीवेल और ट्यूबवैल के जरिये पानी की आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा सेक्टरों में पानी आपूर्ति के लिए टेंकरों की व्यवस्था भी नोएडा अथॉरिटी ने की है। 
 
गाजियाबाद के इन इलाकों पर असर
प्रताप विहार प्लांट की भंडारण क्षमता 150 क्यूसेक पानी की है। गंगनहर बंद होने पर प्लांट में दो दिन का पानी भंडारण करके रखा जाता है। इस प्लांट से वसुंधरा, वैशाली, इंदिरापुरम, डेल्टा कॉलोनी, कौशांबी, ट्रांस हिंडन और सिद्धार्थ विहार को गंगाजल मिलता है। इसके अलावा नलकूप से और टैंकर से पानी की आपूर्ति की जाती है। गंगाजल सुबह और शाम के समय एक-एक घंटे की आपूर्ति की जाती है। गंगाजल न होने से इन सभी इलाकों में जलसंकट खड़ा हो सकता है।  

पानी के निजी प्लांट संचालक हो जाते हैं सक्रिय 
गंगाजल की आपूर्ति बंद होते ही नोएडा और गाजियाबाद में लोगों को बोतलबंद पानी पर निर्भर होना पड़ता है। वैसे भी नोएडा में पानी की गुणवत्ता बेहतर न होने के कारण बहुत से सेक्टरों में लोगों को पेयजल के लिए बोतलबंद पानी का आश्रित रहना पड़ता है। गंगाजल की आपूर्ति बाधित होने पर पानी के निजी प्लांट संचालक सक्रिय हो जाते हैं। इनके पानी की गुणवत्ता की कोई गारंटी नहीं होती है। गंगाजल नहीं मिलने पर मजबूरी में लोगों को इस पानी को ही खरीदना पड़ता है। ट्यूबवेल का पानी बहुमंजिला इमारतों की ऊपरी मंजिल तक नहीं पहुंच जाता है। 

प्रताप विहार प्लांट से यहां होती है 100 क्यूसेक गंगाजल की आपूर्ति
  1. 80 क्यूसेक गंगाजल नोएडा को दिया जाता है।
  2. 15 क्यूसेक गंगाजल इंदिरापुरम को मिलता है।
  3. 5 क्यूसेक की गंगाजल सिद्धार्थ विहार को मिलता है।

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