ग्रेटर नोएडा का सबसे बड़ा घोटाला : तीनों प्राधिकरणों के चेयरमैन रहे मोहिंदर सिंह ऐसे बने धनकुबेर, इन 26 अधिकारियों पर लटकी तलवार  

नोएडा | 10 घंटा पहले | Jyoti Karki

Tricity Today | मोहिंदर सिंह



Noida News : नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण में हुए बड़े घोटाले की खबर सामने आई है। बहुजन समाज पार्टी के शासनकाल में तीनों प्राधिकरणों के चेयरमैन रहे सरदार मोहिंदर सिंह (Mohinder Singh) के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामले अब उजागर हो रहे हैं। आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए इन प्राधिकरणों को बर्बादी की ओर धकेल दिया। यह घोटाला सिर्फ नोएडा तक ही सीमित नहीं था। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, गुड़गांव समेत कई शहरों के लोगों को यहां की जमीन की लीज बेच दी गई। इस घोटाले ने तीनों प्राधिकरणों की वित्तीय स्थिति को बुरी तरह प्रभावित किया है।

बिल्डरों को हजारों एकड़ जमीन औने-पौने दामों में बेची 
सबसे बड़ा घोटाला जमीन आवंटन में हुआ। बिल्डरों को हजारों एकड़ जमीन औने-पौने दामों पर बेच दी गई। केवल 10 प्रतिशत राशि लेकर सौ-सौ एकड़ के प्लॉट आवंटित कर दिए गए। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में 90 लाख वर्ग मीटर जमीन बिल्डरों को सस्ते दामों में दे दी गई। इतना ही नहीं, प्लॉट आवंटन के नाम पर आवेदकों से 10 हजार से लेकर 3 लाख रुपये तक की रिश्वत ली जाती थी। उद्यान विभाग में भी बड़ा घोटाला सामने आया है। जंगल से खजूर के पेड़ काटकर शहर के पार्कों और सड़कों के डिवाइडर पर लगा दिए गए। इसके बदले में एक पेड़ के लिए 4 लाख रुपये के बिल पास कर दिए गए। कई जगहों पर तो बिना पेड़ लगाए ही करोड़ों रुपये के बिल पास कर दिए गए।

27 अधिकारियों के नाम सामने आए
इस घोटाले में केवल मोहिंदर सिंह ही नहीं, बल्कि कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे। एसीओ, डीसीईओ, महाप्रबंधक परियोजना, महाप्रबंधक प्लानिंग और उद्यान विभाग के कई अधिकारियों के नाम सामने आए हैं। कुछ अधिकारियों ने तो अपने पद से इस्तीफा देकर बिल्डर बन गए हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बिना मास्टर प्लान में संशोधन किए, उद्योग लगाने के लिए आरक्षित जमीन बिल्डरों को आवंटित कर दी गई। इस पूरे घोटाले में लगभग 27 अधिकारियों के नाम सामने आए थे और शासन ने इनके खिलाफ जांच बैठाई थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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