गौतमबुद्ध नगर और गुरुग्राम वालों की पहली पसंद बने लग्जरी अपार्टमेंट : इस वजह से रियल एस्टेट में बड़ा बदलाव

नोएडा | 3 महीना पहले | Ashutosh Rai

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Noida NCR : नोएडा,ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम लग्जरी हाउसिंग के प्रमुख सेंटर बनकर उभरे हैं। इन शहरों में आधुनिक सुविधाएं और प्रीमियम जीवनशैली की मांग बढ़ी है। वहीं, दूसरी ओर अफोर्डेबल हाउसिंग की सेल्स में फेल होते दिखाई दे रहे हैं।

रियल एस्टेट में हुआ बड़ा बदलाव
2024 की पहली तिमाही में रियल एस्टेट में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। क्रेडाई एनसीआर की हालिया क्वार्टरली रिपोर्ट के अनुसार, लग्जरी हाउसिंग की सेल में साल-दर-साल 40 फीसदी का इजाफा हुआ है, जबकि किफायती हाउसिंग में 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। विशेष रूप से 1.5 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य वाले घरों की सेल में भी बढ़ोतरी देखी गई है। लग्जरी हाउसिंग मार्केट में इस बढ़ोतरी के कई कारण हैं, जैसे बढ़ती आय और उच्च-स्तरीय घरों की बढ़ती मांग। लोग अब लग्जरी घरों को निवेश के रूप में देख रहे हैं।

चुनावी माहौल से रियल स्टेट हुआ प्रभावित
आरईए इंडिया के समूह मुख्य वित्त अधिकारी विकास वधावन ने इस गिरावट का कारण आम चुनावों को बताया। उन्होंने कहा, "चुनावी माहौल के कारण अप्रैल-जून तिमाही में मांग प्रभावित हुई, लेकिन रियल एस्टेट में निवेश के प्रति उपभोक्ताओं का रुझान अभी भी सकारात्मक बना हुआ है।

लग्जरी घरों की डिमांड क्यों?
क्रेडाई एनसीआर के प्रेजिडेंट मनोज गौड़ का कहना है कि लग्जरी रेजिडेंस की मांग बढ़ी है क्योंकि अमीर खरीदार आधुनिक सुविधाओं वाले उच्च-स्तरीय घरों की तलाश में हैं. ये घर केवल लग्जरी ही नहीं, बल्कि प्रतिष्ठा का प्रतीक भी हैं। देश की आर्थिक वृद्धि, सामान्य समृद्धि और बड़े घरों की प्राथमिकता कुछ प्रमुख कारक रहे हैं। 

किफायती घरों की मांग में गिरावट
2024 की पहली तिमाही में किफायती घरों (50 लाख रुपये से कम) की मांग में गिरावट आई। कुल आवासीय बिक्री का केवल 15% हिस्सा किफायती हाउसिंग का था। 2022 में यह हिस्सा 27% था, जो 2023 में घटकर 18% और 2024 में 15% हो गया।

दिल्ली एनसीआर में बिक्री
2024 की पहली तिमाही में दिल्ली NCR में कुल 10,060 आवासीय यूनिट्स बिकीं, जो 2023 की तुलना में 164% की वृद्धि है. किफायती हाउसिंग का कुल बिक्री में केवल 15% हिस्सा था। 2024 में लक्ज़री हाउसिंग में बड़ी वृद्धि हुई है, जबकि किफायती हाउसिंग में गिरावट आई है। बदलते उपभोक्ता रुझानों और बाजार की गतिशीलता ने लक्ज़री और किफायती हाउसिंग में अंतर पैदा किया है।

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