Supertech Twin Towers : सुपरटेक के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने वालों ने कही बड़ी बात, सरकार से पूछा सवाल

नोएडा | 2 साल पहले | Pankaj Parashar

Tricity Today | कानूनी लड़ाई लड़ने वाले



Supertech Twin Towers : भ्रष्टाचार के ट्विन टॉवर्स को जमींदोज करवाने के लिए सुपरटेक बिल्डर से करीब 9 वर्षों तक लड़ाई लड़ने वाले लोग खुश हैं। हालांकि, उनका एक बड़ा सवाल अभी सरकार के सामने खड़ा हुआ है। इस लड़ाई में मुख्य किरदार रहे यूबीएस तेवतिया एमराल्ड कोर्ट रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा, "हम इस कार्यवाही से बेहद खुश हैं। आने वाले वक्त में इसके दीर्घकालिक फायदे नजर आने लगेंगे।" हालांकि, उन्होंने एक सवाल खड़ा किया, ट्विंस टावर तो गिर गए लेकिन इन्हें खड़े करने वालों के खिलाफ अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।  नोएडा अथॉरिटी और उत्तर प्रदेश सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।

सुपरटेक बिल्डर के भ्रष्टाचार के खिलाफ करीब 9 साल पहले केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल से रिटायर्ड अफसर उदयभान सिंह तेवतिया, एसके शर्मा, रवि बजाज और एमके जैन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके शर्मा आरडब्लूए में कार्यरत हैं और 74 वर्ष के हैं। रवि बजाज भी बुजुर्ग और रिटायर हैं। इनके चौथे साथी एमके जैन कोरोनावायरस से फैली महामारी के दौरान मर चुके हैं। रविवार को ट्विन टावर गिर जाने के बाद उदयभान सिंह तेवतिया ने कहा, "हमने 2012 में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। 10 साल की इस लड़ाई को जीतकर हम बहुत खुश हैं। विध्वंस के दीर्घकालिक लाभ 3 महीने में दिखाई देंगे। अब इन टॉवरों को खड़ा करने वालों के खिलाफ एक्शन होना चाहिए।"

विस्फोट और ट्विन टावर ध्वस्त होने के बाद गौतमबुद्ध के पुलिस आयुक्त ने कहा, "मोटे तौर पर योजना के अनुसार ही अभ्यास किया गया। विशेषज्ञ दल मौके पर रहे। फिलहाल आंकलन किया जा रहा है। केवल विशेषज्ञ ही विध्वंस के बाद की स्थिति का पता लगा सकते हैं। हम अवशेष और बचे हुए विस्फोटकों का आंकलन करने के लिए साइट पर जा रहे हैं। संभावना होती है कि कुछ विस्फोटक बच जाते हैं।" 

नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावरों के पास दो हाउसिंग सोसाइटी के निवासियों को निकाला गया है। यह सभी लोग शाम 7 बजे के बाद अपने घर वापस लौटेंगे। सिल्वर सिटी हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में एमराल्ड कोर्ट के निवासी जीशान ने कहा, "धूल को घर में प्रवेश करने से रोकने के लिए मैंने दरवाजे और खिड़कियों को ढक दिया है और एहतियात के तौर पर दीवार के पर्दे हटा दिए हैं।" बगल में 40 टावरों सहित दो हाउसिंग सोसायटियों को पूरी तरह से खाली करा दिया गया था। 560 पुलिस कर्मी, रिजर्व फोर्स के 100 लोग, 4 क्विक रिस्पांस टीम और एनडीआरएफ की टीम इलाके में तैनात हैं।

गौतमबुद्ध नगर के डीसीपी ट्रैफिक गणेश प्रसाद साहा ने कहा, "किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए ग्रीन कॉरिडोर की स्थापना की गई। क्षेत्र में लागू की जा रही ट्रैफिक डायवर्जन योजना अब खत्म कर दी गई है। विस्फोट से ठीक पहले दोपहर करीब 2.15 बजे एक्सप्रेस-वे को बंद कर दिया गया था। ब्लास्ट के आधे घंटे बाद एक्सप्रेसवे को खोल दिया गया है। इंस्टेंट कमांड सेंटर में 7 सीसीटीवी कैमरे हैं। ट्रैफिक विशेषज्ञ हमारे साथ यहां सभी भीड़भाड़ वाले बिंदुओं पर नजर रख रहे हैं।

अन्य खबरें