बड़ी खबर : नोएडा और ग्रेटर नोएडा में Delhi-Varanasi Bullet Train के 2 स्टेशनों को मिली मंजूरी, जानिए कहां बनेंगे

नोएडा | 2 साल पहले | Pankaj Parashar

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो



New Delhi | Noida : गौतमबुद्ध नगर वासियों के लिए खास खबर है। दिल्ली और वाराणसी के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन (Delhi Varanasi Bullet Train) के गौतमबुद्ध नगर में दो स्टेशन बनाए जाएंगे। रेलवे मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह प्रस्ताव करीब एक साल पहले नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने रेलवे मंत्रालय को भेजा था। यह ट्रेन दिल्ली में सराय काले खां से शुरू होगी पहला ठहराव नोएडा और फिर दूसरा ग्रेटर नोएडा में होगा। खास बात यह है कि दिल्ली से जेवर के पास बन रहे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे तक इस ट्रेन को पहुंचने में महज 21 मिनट का समय लगेगा।

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में स्टॉपेज ते हुए
दिल्ली वाराणसी बुलेट ट्रेन का नोएडा में स्टॉपेज सेक्टर-148 में होगा। इसके बाद यह जेवर के पास नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रुकेगी। सराय काले खां से एयरपोर्ट पहुंचने में इसे केवल 21 मिनट लगेंगे। बुलेट ट्रेन का स्टेशन एयरपोर्ट के टर्मिनल बिल्डिंग के नीचे बनाया जाएगा। मेट्रो और बुलेट ट्रेन के स्टेशन टर्मिनल बिल्डिंग में ही एक साथ बनेंगे।

गौतमबुद्ध नगर के बाद इन जिलों में होगा ठहराव
यह बुलेट ट्रेन मथुरा, आगरा, इटावा, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज होते हुए वाराणसी तक 816 किमी की दूरी 4 घंटे में तय करेगी। अभी ट्रेन से यह सफर करने में 12-15 घंटे तक लग जाते हैं। प्रदेश के प्रमुख तीर्थ और पर्यटन स्थलों पर जाना आसान हो जाएगा। बहुप्रतीक्षित दिल्ली-वाराणसी हाईस्पीड रेल परियोजना में सिर्फ गौतमबुद्ध नगर जिले में ही 2 स्टेशन होंगे। नोएडा एयरपोर्ट लिमिटेड ने एक साल पहले इस ट्रेन के ठहराव के लिए प्रस्ताव भेजा था। जिसे मंत्रालय से अब मंजूरी मिली है। यमुना अथॉरिटी के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि दुनियाभर से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट आने वाले विमान यात्रियों को हाईस्पीड रेल का फायदा मिलेगा।

दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट तक एलिवेटेड होगा बुलेट ट्रेन का ट्रैक
दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट के बीच एलिवेटेड ट्रैक पर हाईस्पीड रेल का संचालन होगा। परियोजना का काम 3 चरणों में चल रहा है। 1.21 लाख करोड़ रुपये की इस परियोजना के पहले चरण में दिल्ली और नोएडा एयरपोर्ट के बीच एलिवेटेड ट्रैक बनाया जा जाएगा। यमुना एक्सप्रेसवे के सामांतर एलिवेटेड ट्रैक बनाने के लिए यमुना अथॉरिटी ने फ्री में जमीन दी है। हाईस्पीड रेल परियोजना को 3 चरणों में पूरा किया जाएगा। वर्ष 2029 तक विमान यात्रियों को बुलेट ट्रेन की कनेक्टिविटी मिलने की संभावना है।

नोएडा एयरपोर्ट आने-जाने के लिए ढेरों विकल्प
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के साथ इसकी कनेक्टिविटी पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी दिल्ली-एनसीआर समेत 250 किलोमीटर दूर तक के शहरों से बेहद फास्ट रहेगी। एयरपोर्ट को मेट्रो, पॉड टैक्सी के साथ दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे से कनेक्ट करने का लिए इंटरचेंज बनाने का काम शुरू हो चुका है। एयरपोर्ट और प्रस्तावित फिल्म सिटी परियोजना के बीच चलने वाली पॉड टैक्सी के लिए सरकारी कंपनी इंडियन पोर्ट, रेल एंड रोपवे कॉरपोरेशन लिमिटेड की मदद से विस्तृत प्रॉजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। पॉड टैक्सी परियोजना के लिए 14.6 किमी के कॉरिडोर पर 14 स्टेशन प्रस्तावित हैं। नोएडा एयरपोर्ट की एनसीआर से कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को आपस में जोड़ने के लिए इंटरचेंज बनने जा रहा है। इसका लाभ यीडा के सेक्टरों को भी मिलेगा। खुर्जा-पलवल के बीच एनएच-91 से लिंक रोड का फायदा विमान यात्रियों को मिलेगा।

दिल्‍ली और वाराणसी के बीच 13 स्‍टेशन, 350 किमी रहेगी रफ्तार
दिल्ली से वाराणसी के बीच 816 किमी की दूरी में बुलेट ट्रेन के कुल 13 स्टेशन होंगे। इनमें से 12 स्टेशन उत्तर प्रदेश में बनेंगे। केवल एक 13वां स्टेशन दिल्ली में होगा। यह अंडरग्राउंड बनाया जाएगा। यह ट्रेन 330 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ेगी। इसकी अधिकतम रफ्तार 350 किमी प्रति घंटा और औसतन रफ्तार 250 किमी प्रति घंटा होगी। सराय काले खां, नोएडा के सेक्टर-148 और नोएडा एयरपोर्ट के बाद बुलेट ट्रेन मथुरा, आगरा, इटावा, कानपुर, लखनऊ, रायबरेली, प्रतापगढ़, प्रयागराज, भदोही होते हुए वाराणसी तक का सफर तय करेगी। वाराणसी से दिल्ली के बीच जहां अभी ट्रेनों को 12-15 घंटे लग जाते हैं, वहीं बुलेट ट्रेन से यह सफर महज 4 घंटे में पूरा हो जाएगा।

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