नोएडा में नए मेट्रो कॉरिडोर को मिली सरकार की मंजूरी : इन आठ स्टेशनों पर दौड़ेगी रेल, जानिए क्या हैं विशेषताएं और चुनौतियां

नोएडा | 4 महीना पहले | Jyoti Karki

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Noida News : नोएडा के यातायात व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव आने वाला है। उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh government) ने बोटेनिकल गार्डन मेट्रो (Botanical Garden Metro) स्टेशन से सेक्टर-142 तक एक नए मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना न केवल नोएडा के आंतरिक परिवहन को बेहतर बनाएगी, बल्कि दिल्ली और ग्रेटर नोएडा के बीच यात्रा को भी आसान करेगी।

नए प्रोजेक्ट की प्रमुख विशेषताएं :
1. मार्ग की लंबाई: नया मेट्रो कॉरिडोर 11.56 किलोमीटर लंबा होगा।
2. कनेक्टिविटी: यह लाइन दिल्ली मेट्रो और नोएडा की एक्वा लाइन को जोड़ेगी, जिससे तीनों शहरों के बीच सीधा संपर्क स्थापित होगा।
3. यात्री संख्या: वर्तमान में, लगभग 80,000 लोग प्रतिदिन ग्रेटर नोएडा और दिल्ली के बीच यात्रा करते हैं। नई लाइन इन यात्रियों के लिए एक बेहतर विकल्प प्रदान करेगी।
4. स्टेशनों की संख्या: इस नए कॉरिडोर पर कुल 8 मेट्रो स्टेशन होंगे।
5. इंटरचेंज: सेक्टर 142 मेट्रो स्टेशन पर एक बड़ा इंटरचेंज बनाया जाएगा, जो यात्रियों को विभिन्न लाइनों के बीच आसानी से स्थानांतरित होने की सुविधा देगा।
6. लागत: इस परियोजना पर अनुमानित 2,254.35 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है।

स्टेशनों की सूची :
1. बॉटनिकल गार्डन
2. नोएडा सेक्टर-44
3. नोएडा ऑफिस (सेक्टर-96 नोएडा प्राधिकरण दफ्तर)
4. नोएडा सेक्टर-97
5. नोएडा सेक्टर-105
6. नोएडा सेक्टर-108
7. नोएडा सेक्टर-93
8. पंचशील बालक इंटर कॉलेज

परियोजना का महत्व:
1. बेहतर कनेक्टिविटी: यह परियोजना नोएडा, ग्रेटर नोएडा और दिल्ली के बीच यात्रा समय को काफी कम करेगी।
2. यातायात में कमी: नई मेट्रो लाइन से सड़कों पर वाहनों की संख्या कम होने की उम्मीद है, जिससे यातायात की समस्या में कमी आएगी।
3. पर्यावरण अनुकूल: सार्वजनिक परिवहन के इस विकल्प से वायु प्रदूषण में कमी आने की संभावना है।
4. आर्थिक विकास: बेहतर कनेक्टिविटी से क्षेत्र में व्यापार और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होने की उम्मीद है।
5. रियल एस्टेट पर प्रभाव: नए मेट्रो मार्ग के आस-पास के क्षेत्रों में संपत्ति के मूल्यों में वृद्धि की संभावना है।

चुनौतियां और आगे का रास्ता:
हालांकि यह परियोजना बहुत आशाजनक है, लेकिन इसके सामने कुछ चुनौतियां भी हैं:
1. निर्माण के दौरान यातायात प्रबंधन
2. परियोजना को समय पर पूरा करना
3. पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना
4. स्थानीय निवासियों के लिए शोर प्रदूषण को नियंत्रित करना

शहर का होगा आधुनिक विकास 
नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (NMRC) और अन्य संबंधित एजेंसियों को इन चुनौतियों से निपटने के लिए एक व्यापक योजना बनानी होगी। नए मेट्रो कॉरिडोर की मंजूरी नोएडा और आस-पास के क्षेत्रों के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह न केवल यात्रियों के लिए यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि क्षेत्र के समग्र विकास में भी योगदान देगा। परियोजना के सफल कार्यान्वयन से नोएडा एक आधुनिक और सुविधाजनक शहर के रूप में और अधिक विकसित होगा।

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