Noida News : नोएडा के रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़ी बड़ी ख़बर है। वेव समूह को बड़ा झटका देते हुए गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने कम्पनी की संपत्तियां नीलाम करने का ऐलान कर दिया है। दरअसल, कंपनी के ख़िलाफ़ प्रॉपर्टी खरीदारों ने उत्तर प्रदेश भू-संपदा नियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) का दरवाज़ा खटखटाया था। यूपी रेरा ने प्रॉपर्टी खरीदारों के पक्ष में फ़ैसला सुनाते हुए वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ़ रिकवरी सर्टिफ़िकेट (आरसी) जारी किए हैं। इन आरसी पर कंपनी ने भुगतान नहीं किया है। लिहाज़ा, गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने कंपनी की 38 दुकानों को नीलाम करने का फ़ैसला लिया है।
दादरी तहसील में होगी नीलामी
दादरी के उपजिलाधिकारी आलोक गुप्ता ने बताया, “वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड के ख़िलाफ़ प्रॉपर्टी खरीदारों के मामलों में यूपी रेरा ने 115 करोड़ रुपये की आरसी जारी की हैं। यह बकाया राशि जमा करने के लिए कंपनी को बार-बार नोटिस जारी किए जा रहे हैं। कंपनी की ओर से पैसा जमा नहीं किया जा रहा है। लिहाज़ा, वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड की दुकानों को कुर्क कर लिया गया है। इन 38 दुकानों की नीलामी 29 मई 2023 को की जाएगी। यह नीलामी 29 मई को दादरी तहसील के सभागार में पूर्वाह्न 11 बजे से होगी।”
कैसे हो सकते हैं नीलामी में शामिल
एसडीएम ने बताया कि नीलामी के बारे में जानकारी लेने के लिए उनके कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है। नीलामी में शामिल होने के इच्छुक लोग सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक उनके कार्यालय आकर जानकारी हासिल कर सकते हैं। एक व्यक्ति एक या एक से अधिक दुकानों के लिए बोली लगा सकता है। बोली लगाने के लिए इच्छुक लोगों को दादरी तहसील के सभागार में व्यक्तिगत रूप से हाज़िर होना पड़ेगा।
हाईकोर्ट ने नीलामी पर रोक नहीं लगाई
इस नीलामी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी रोक नहीं लगायी है। अमित गोयल नाम के व्यक्ति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा है कि दुकानों की नीलामी प्रक्रिया इस आदेश से पूरी तरह अप्रभावित रहेगी। नीलामी के ज़रिए प्रॉपर्टी हासिल करने वाले लोगों पर यह आदेश किसी भी तरह लागू नहीं होगा। कुल मिलाकर वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड की 38 दुकानों की नीलामी को लेकर जिला प्रशासन का रास्ता पूरी तरह साफ़ है।
बिल्डरों की निष्क्रियता पर डीएम सख्त
प्रॉपर्टी खरीददारों से पैसा लेकर उन्हें फ़्लैट और दूसरी सम्पत्तियां बिल्डर नहीं दे रहे हैं। परियोजनाओं का काम भी बरसों से रुका पड़ा है। फ़्लैट ख़रीदार अपना पैसा वापस मांग रहे हैं तो उन्हें पैसा भी वापस नहीं दिया जा रहा है। मजबूर होकर लोगों को यूपी रेरा, हाईकोर्ट, एनसीएलटी और तमाम दूसरे निकायों का दरवाज़ा खटखटाना पड़ रहा है। अब गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन बिल्डरों पर सख़्त हो गया है। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने साफ़ आदेश दिया है कि यूपी रेरा समेत तमाम अदालतों से आए आदेशों का पालन करवाया जाए। अगर बिल्डर पैसा वापस लौटने की इच्छा नहीं रखते हैं तो उनकी संपत्तियां कुर्क कर ली जाएं। संपत्तियों को नीलाम कर दिया जाए। इसी सिलसिले में पिछले दिनों सुपरटेक बिल्डर के ख़िलाफ़ सख़्ती की गई थी। अब इस श्रृंखला में दूसरी बारी वेव समूह की आई है। आपको बता दें कि सुपरटेक और वेव ग्रुप गौतमबुद्ध नगर के सबसे बड़े रियल एस्टेट प्लेयर हैं। जिला प्रशासन की सख़्ती से बाक़ी बकायादार बिल्डरों में खलबली मची हुई है।