Noida News : मूर्ति विसर्जन से बदहाल हो गई यमुना, फैला गंदगी का अंबार

नोएडा | 2 साल पहले | Ankita Sharma

Tricity Today | नोएडा में यमुना के करीब सात घाटों पर मां सरस्वती की सैकड़ों प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया



Noida News : बसंत पंचमी के बाद नोएडा में यमुना के करीब सात घाटों पर मां सरस्वती की सैकड़ों प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। मूर्ति विसर्जन के बाद यमुना का बुरा हाल देखने को मिल रहा है। सामाजिक संगठन जो यमुना की सफाई करते है वो बहुत नाराज़ है और आलोचना कर रहे है क्यों धर्म के नाम पर यमुना को गन्दा किया जा रहा है।

सचिन गुप्ता, वाई एस एस के संस्थापक कहते है, "यमुना के घाटों पर गंदगी सभी सरकारी प्रयासों को मुंह चिढ़ा रही है। हालांकि इस दौरान प्रशासन की कोशिश रही कि पहले प्रदूषित यमुना में ऐसे अवशिष्ट प्रवाहित न किए जाएं, जो नदी में न घुलने पर और ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।"


YSS फाउंडेशन जो पिछले 1 साल से लगातार कालिंदी कुंज घाट पर कार्यरत है। हर रविवार सुबह 9 से 11 बजे यमुना क्लीनिंग ड्राइव। उन्होंने सफाई के दौरान देखा प्रतिमाओं केे विसर्जन के बाद यमुना के घाटों पर स्थिति बदहाल है। कहीं लकड़ी की टुकड़े, बांस की बल्लियां, मिट्टी के टूटे हुए बर्तन, पानी में भीगे रंग-बिरंगे कागज, प्लास्टिक की थैलियां, मां की प्रतिमाओं पर चढ़ाई गईं लाल और हरे रंग की चुन्नियों और शीशे का कवर चढ़े चित्र यमुना के प्रदूषित जल में पड़े हुए हैं। मूर्ति विसर्जन सम्पन्न होने के बाद हालात खतरनाक हैं क्योंकि प्रतिमाओं के साथ प्लास्टिक एवं अन्य खतरनाक अघुलनशील कचरा और विषैली सामग्री यमुना में तैर रही है।

सचिन गुप्ता, वाई एस एस फाउंडेशन के संस्थापक कहते है, "एक तरफ तो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को गंदगी से मुक्त करने का प्रण लिया है लेकिन यमुना के तट पर पड़े कचरे के अंबार को देखकर ऐसा नहीं माना जा सकता कि यमुना को गंदगी से मुक्त किया जा सकता है। घाटों का दौरा कर कोई भी यह देख सकता है कि स्वच्छ भारत के लिए की गई प्रधानमंत्री मोदी की अपील का कितना असर है।"


दिनेश शर्मा कहते है नदी के घाट कूड़े, कचरों के ढेर के नीचे दबे हुए हैं। घाटों पर चिप्स, बिसकुट के खाली पैकेट और प्लास्टिक की बोतलें बिखरी पड़ी हैं। इन्हीं कचरों में खाने पीने की चीजों की तलाश करते आवारा कुत्तों का झुंड भी घूमते रहते हैं।"




 

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