बड़ी खबर : पोस्ट कोविड मरीजों का मुफ्त इलाज करेगी योगी सरकार, ऐसा करने वाला यूपी देश में पहला राज्य, जानें पूरा प्लान

नोएडा | 3 साल पहले | Rakesh Tyagi

Tricity Today | सीएम योगी आदित्यनाथ और नोएडा विधायक पंकज सिंह



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कोरोना को रोकने के लिए लगातार कड़े और उपयोगी फैसले ले रे हैं। अब उन्होंने एक बेहतरीन निर्णय लिया है। टीम-9 की बैठक के बाद तय हुआ कि सभी सरकारी अस्पतालों में पोस्ट कोरोना मरीजों (Post Covid Patients) का इलाज बिल्कुल मुफ्त किया जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि जिस तरह से कोरोना बीमारी का इलाज हो रहा है, उसी तर्ज पर पोस्ट कोरोना के मरीजों को भी इलाज की सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद जिन लोगों को अन्य बीमारियां हो रही हैं, उनके लिए सरकारी अस्पतालों में भर्ती करने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी आदेश दिया है। बता दें कि पोस्ट कोविड बीमारियों का मुफ्त इलाज करने का फैसला लेने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है।

तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयार हैं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना के खिलाफ युद्धस्तर पर प्रभावी ढ़ंग से लड़ाई लड़ी जा रही है। यही वजह है कि राज्य में कोरोना के सक्रिय मामले तेजी से घट रहे हैं। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए हम व्यापक तैयारी कर रहे हैं। पूरी सावधानी के साथ काम कर रहे हैं। तीसरी लहर से मुकाबले के लिए खासकर महिलाओं और बच्चों के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, जिला अस्पतालों और मेडिकल कालेजों में डेडिकेटेड आईसीयू बनाने का अभियान शुरू हो गया है। 

गांवों में नहीं फैलने देंगे महामारी
उन्होंने कहा कि गांवों में हमें संक्रमण रोकना ही होगा। इसके लिए ट्रेस, टेस्टिंग और ट्रीट की रणनीति बनाई गई है। संक्रमित व्यक्ति की त्वरित पहचान कर अगर उसका त्वरित उपचार शुरू हो जाए, तो मामला क्रिटिकल नहीं होगा। इसलिए हम एंटीजन टेस्ट के साथ ही उन्हें मेडिकल किट दे रहे हैं। आरटी-पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट भले ही बाद में आए, हम इलाज शुरू कर दे रहे हैं। मरीजों को वाहन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर मरीज की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव है और उसमें कोरोना के लक्षण हैं, तो उनकी जांच के लिए डिजिटल एक्सरे किया जाएगा। 

युद्धस्तर पर टीकाकरण जारी रहेगा
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में रोजाना औसतन 2.50 लाख लोगों की टेस्टिंग हो रही है। अब तक 4.5 करोड़ टेस्ट हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना की प्रथम लहर में हमने टीम 11 बनाकर प्रभावी नियंत्रण किया था। दूसरी लहर में टीम-9 बनाकर सबकी जवाबदेही तय की गई है। यही वजह है कि बीते 24 घंटे में पॉजिटिव केस तकरीबन 10 हजार ही आए हैं। पहले संक्रमण का रेट 22 फीसद था, जो घटकर पांच फीसद हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1.50 करोड़ लोगों को हम वैक्सीन दिया जा चुका है। आगे भी युद्धस्तर पर वैक्सिनेशन होगा। 45 साल से ऊपर के लोगों को भारत सरकार वैक्सिन उपलब्ध करा रही है।

गौतमबुद्ध नगर समेत 23 जिलों में वैक्सीनेशन
गौतमबुद्ध नगर समेत 23 ऐसे जिले हैं, जहां 18 से 44 वर्ष की उम्र के लोगों को भी वैक्सिन दिया जा रहा है। यहां संक्रमण दर अन्य जिलों से ज्यादा है। इसके बाद हमारी तैयारी गांवों की है। गांवों में कॉमन सर्विस एरिया में वैक्सिनेशन का बंदोबस्त किया जाएगा। ताकि वहीं उनका पंजीकरण कर उनका वैक्सिनेशन किया जा सके। उन्हें दूर न जाना पड़े। इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि भीड़ न बढ़ने पाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं स्वयं 7 मई से फील्ड में हूं और वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, मथुरा, अलीगढ़ और गोरखपुर के गांवों में जाकर व्यवस्था का निरक्षण कर चुका हूं। आगे भी यह कार्यक्रम जारी रहेगा। 

इंसेफेलाइटिस के अनुभवों से मिला लाभ
उन्होंने कहा कि हम कोरोना की संभावित तीसरी लहर से मुकाबले की भी व्यापक तैयारी कर रहे हैं। प्रदेश में कई दशकों से इंसेफेलाइटिस का कहर था। हमारी सरकार ने इस पर 98 फीसद तक नियंत्रण पा लिया है। उससे लड़ते समय हमने व्यापक कार्य योजना बनाई थी। हमारी कार्य योजना का नतीजा है कि पहले जहां इंसेफेलाइटिस से 1200 से 1500 बच्चों की मौत होती थी, वहीं विगत वर्ष 63 मौतें हुईं। इसी कार्य योजना के अनुभवों का लाभ लेते हुए हमने कोरोना की तीसरी लहर से खासकर बच्चों और महिलाओं को बचाने के लिए आदेश दिया है। उनके लिए डेडिकेटेड अस्पताल और आईसीयू बनाए जा रहे हैं। समन्वय समिति बनाई गई है, जो ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों में मिलकर काम करती है।

ऑक्सीजन की कमी न होने पाए
उन्होंने कहा कि पोस्ट कोविड में ब्लैक फंगस की समस्या आई है। हमने एडवाइजरी जारी की है। इसे रोकने के लिए कार्य योजना बनाई गई है। सीएमओ, मेडिकल कालेज और जिला अस्पतालों को एडवाइजरी भेजी है। ब्लैक फंगस को लेकर ट्रेनिंग भी दी जा रही है। उन्होंने नोएडा का जिक्र करते हुए कहा कि 27 अप्रैल को जहां 10 हजार से अधिक केस थे, वहीं आज 400 से भी कम हैं। पूरे प्रदेश में एक्टिव मामलों की संख्या बीते 24 घंटे में घटकर 1.63 लाख रह गई है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि नोएडा दिल्ली से सटा हुआ है। वहां से आवागमन होता है। ऐसे में प्रशासन से कहा गया है कि मरीजों को ऑक्सीजन की कमी न होने पाए।

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