मकर संक्रांति पर इस बार ग्रहों की बनी विशेष गति के चलते सूर्य के साथ शनि को भी आसानी से प्रश्न किया जा सकेगा। ज्योतिषाचार्य का मानना है कि इस बार ऐसे जातक जिनकी कुंडली पर शनि नकारात्मक प्रभाव दे रहा है वह मकर संक्रांति के योग का पूरा लाभ उठा सकेंगे। खासतौर पर ऐसे लोग जो लोन तनाव नौकरी और तरक्की के लिए परेशान है वह लोग मकर संक्रांति पर शनि के लिए उपाय जरूर कर सकेंगे।
वास्तु शास्त्री व कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित संतोष पाधा ने जानकारी दी कि मकर संक्रांति इस बार सूर्य के साथ पांच ग्रह अपनी शुभ स्थिति में आ रहे हैं। सूर्य ग्रह, शनि ग्रह, चंद्र ग्रह, गुरु ग्रह और बुध ग्रह शुभ राशियों में आकर मात्रान्स योग बना रहे हैं। शताब्दी पंचांग के अनुसार इस बार मकर संक्रांति पर मंगल मेष में, सूर्य मकर में, शुक्र धनु राशि में, केतु वृश्चिक और राहु वृष राशि में होंगे। ग्रहों के इस मिलन का लाभ सबसे अधिक सूर्य शनि और मंगल ग्रह के किए जाने वाले उपायों को मिलेगा।
चने का बढ़ गया महत्व :
मकर संक्रांति पर जिस वक्त सूर्य और शनि शुभ योग बनाते हैं उस वक्त खिचड़ी के साथ चने का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्राकृतिक रूप से मिलने वाले चने के भीतर शनि को प्रसन्न करने के तत्व भी छुपे होते हैं। यही वजह है की शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सरसों के साथ चने का सर्वाधिक प्रयोग होता है। ऐसी स्थिति में इस बार मकर संक्रांति पर खिचड़ी दान के साथ ही चने को भी खिचड़ी के साथ दान किए जाने से कुंडली में शनि ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
गाय को भी खिलाएं चना :
मकर संक्रांति वाले दिन खिचड़ी दाल के साथ चना या चने से संबंधित सामग्री दान किए जाने के साथ ही शनि ग्रह को प्रसन्न किया जा सकेगा। खिचड़ी दान के बाद यदि काली गाय को चना या चने से बनी हुई सामग्री खिलाई जाए या फिर दान की जाए तो इस उपाय का लाभ कई गुना बढ़ जाएगा। गाय को मकर संक्रांति के दिन यदि चना दान किया जा रहा है तो यह ख्याल रखें कि दोपहर 12:00 बजे से पहले गाय को चना दान करा दे।
चने के साथ गुड़ का प्रभाव :
यदि संभव हो सके तो चने के आटे की लोई या रोटी बनाकर गाय को चना और गुड़ भी मकर संक्रांति के दिन ग्रहण कराया जा सकता है। इसके लिए यह जरूरी है कि गाय के लिए बनने वाले चने के आटे की रोटी घर की रसोई में ही बनाई जाए। बाहर से या किसी होटल से खरीदी गई चने के आटे की रोटी उपाय के रूप में प्रभावी नहीं मानी जाती है।