Makar Sankranti 2021 : ठीक 238 वर्षों बाद कुछ होने वाला है खास, जानिए क्या होगा विशेष

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मकर संक्रांति पर 238 सालों बाद इस बार नया बदलाव दिखाई देगा। ज्योतिष आचार्यों ने शताब्दी पंचांग के अनुसार यह जानकारी दी है कि इस बार की मकर संक्रांति सैकड़ों वर्ष बाद आखिर क्यों शुभ मुहूर्त लेकर आई है। खास बात यह है 14 जनवरी को इस बार मनाई जाने वाली मकर संक्रांति ऐसे लोगों के लिए खास दिल लेकर आई है जो लंबे समय के लिए किसी ना किसी समस्या से परेशान होकर तनाव में रह रहे हैं।

ज्योतिषाचार्य और वास्तु शास्त्री पंडित संतोष जी पाधा ने जानकारी दी कि इस बार मकर संक्रांति पर पांच ग्रह अपनी लीला विभिन्न कुंडलियों पर दिखाएंगे। गुरुवार को प्रतिपदा तिथि के श्रवण नक्षत्र पर पड़ने वाली मकर संक्रांति स्नान और दान के साथ ही विभिन्न ग्रहों के किए जाने वाले उपाय को लेकर भी खास बन कर आई है। मकर संक्रांति पर्व के बारे में शास्त्रों में उल्लेख है की हर महीने जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उसे संक्रांति कहते हैं, लेकिन जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो उसका महत्व बढ़ जाता है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही उत्तरायण शुरू हो जाता है। यह समय ज्योतिषी उपाय किए जाने के साथ ही स्नान और दान के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के अलावा सूर्य के सबसे अधिक उपाय उसी वक्त किए जाने चाहिए जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर रहा हो। यही वजह है की सूर्य के अलावा यदि अन्य ग्रह भी अपनी शुभ स्थिति में हो तो वह संक्रांति बेहद शुभ संयोग लेकर आती है।

238 वर्ष बाद पांच ग्रह शुभ :
ज्योतिषाचार्य का मानना है 14 जनवरी 2021 को पड़ने वाली मकर संक्रांति इस बार सूर्य के साथ पांच ग्रह अपनी शुभ स्थिति में आ रहे हैं। 238 वर्ष बाद ऐसा हुआ है कि सूर्य ग्रह, शनि ग्रह, चंद्र ग्रह, गुरु ग्रह और बुध ग्रह शुभ राशियों में आकर मात्रान्स योग बना रहे हैं। शताब्दी पंचांग के अनुसार इस बार मकर संक्रांति पर मंगल मेष में, सूर्य मकर में, शुक्र धनु राशि में, केतु वृश्चिक और राहु वृष राशि में होंगे। ग्रहों के इस मिलन का लाभ सबसे अधिक सूर्य शनि और मंगल ग्रह के किए जाने वाले उपायों को मिलेगा।

पिता पुत्र का होगा मिलन : 
संक्रांति पर बने शुभ संयोग को इस बार पिता पुत्र के मिलन के रूप में भी देखा जा सकेगा। मकर संक्रांति पर सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश कर रहे होंगे तो ऐसी मान्यता है कि सूर्य अपने पुत्र शनि के घर प्रवेश करेंगे। ज्योतिषाचार्य पिता पुत्र के इस मिलन को सैकड़ों वर्ष बाद बड़ा संयोग मान रहे हैं। ज्योतिषाचार्य का ऐसा मानना है कि इस मिलन के समय सूर्या ने पिता और पुत्र यानी शनि दोनों ही प्रसन्न मुद्रा भाव में होंगे। ऐसे में वे जातक जो लंबे समय से सूर्य और शनि के प्रकोप से परेशान हैं उन्हें भी छोटा सा उपाय किए जाने से बड़ा लाभ हासिल हो सकेगा।

पद, पिता और प्रतिष्ठा के लिए खास : 
मकर संक्रांति इस बार पद पिता और प्रतिष्ठा की लालसा करने वाले लोगों के लिए खास दिन बन कर आया है। मान्यता है कि सूर्य और शनि के मिलन के समय सबसे अधिक लाभ ऐसे जातकों को होता है जो सूर्य के कुंडली में कमजोर होने की वजह से पद पिता और प्रतिष्ठा के लिए काफी लंबे समय से प्रयासरत है।

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