14 दिसंबर को सोमवती अमावस्या के मौके पर सूर्यग्रहण भी लगने जा रहा है। ज्योतिषाचार्य का मानना है यह खंग्रास सूर्य ग्रहण है। बावजूद इसके भारत में ना देखने की वजह से इसका असर देश में नहीं होगा। ग्रहण शाम को पड़ने की वजह से से अमावस्या पर पितरों संबंधी सभी पूजन कार्य पर भी इसका कोई असर नहीं होगा। देश में ग्रहण से संबंधित सूतक भी नहीं होने से कुंडली संबंधी उपाय भी आसानी से किए जा सकते हैं।
ज्योतिषाचार्य एवं कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित उत्तम तिवारी के अनुसार सोमवती अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजन किया जाता है। इस दौरान आम लोगों में ग्रहण को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी। यह खगोलीय घटना की छाया भारत देश पर नहीं पड़ रही है। इसलिए शाम 7 बजे के बाद पड़ने वाले सूर्य ग्रहण का सूतक भी अमावस्या के पूजन पर प्रभावी नहीं होगा।
महिलाएं इस तरह करेंगी पूजन
सोमवती अमावस्या पर शादीशुदा महिलाएं पीपल के वृक्ष के नीचे परिक्रमा कर सौभाग्य की कामना कर सकती हैं। शास्त्रों के अनुसार सोमवती अमावस्या पर शादीशुदा महिलाओं का हल्दी और सरसों का तेल का सेवन करना पूरी तरह से वर्जित माना गया है। शादीशुदा महिलाओं के पीपल के वृक्ष की परिक्रमा किए जाने से मान्यता है कि इससे घर में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा घर में अनावश्यक होने वाले खर्च में भी कमी आती है।
पितरों को खुश करने का दिन
अमावस्या का दिन पितरों को प्रसन्न करने का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। यह समय ऐसे जातकों के लिए महत्वपूर्ण है जिनकी कुंडली में पित्र दोष संबंधी समस्याएं अन्य ग्रहों को हल्का कर देती हैं। मान्यता है कि अमावस्या के दिन दोपहर को पितरों से संबंधित पूजन एवं उपाय किए जाने से रुष्ट हुए पित्र प्रसन्न होते हैं। पित्र की प्रसन्नता की वजह से कुंडली में अन्य ग्रहों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे आम जीवन में होने वाली समस्याएं जल्द खत्म होती हैं।
ऐसे पहचानें पितृदोष
- यदि घर में लगातार विवाद की स्थिति पैदा हो रही है तो पित्र दोष की शांति के लिए उपाय करना चाहिए।
- यदि परिवार में जल्द बीमारियां किसी ना किसी सदस्य को लग रही है तो यह समझना चाहिए कि पितरों की नाराजगी परिवार पर हावी हो रही है।
- पर्याप्त पैसा कमाने के बावजूद यदि वह पैसा घर में रुक नहीं रहा या किसी न किसी वजह से खर्च के रूप में निकल जा रहा है तो पित्र दोष संबंधित उपाय करने चाहिए।
- व्यापार या रोजगार के क्षेत्र में लगातार मेहनत करने के बावजूद असफलता हाथ लग रही है तो पितरों को प्रसन्न करने की आवश्यकता है।
- परिवार के बुजुर्ग यदि छोटी-छोटी बात पर नाराज हो रहे हैं तो उनकी नाराजगी को भी पितृदोष के रूप में देखा जाता है।
घर पर करें यह उपाय
- पितृदोष की शांति के लिए अमावस्या से 41 दिन तक गाय के लिए भोजन निकालना चाहिए और उसी दिन गाय को खिलाना चाहिए।
- 35 दिन तक घर की छत पर या बालकनी में कौवे और पक्षियों के लिए रोटिया या फिर अनाज के रूप में कुछ रखना चाहिए और साथ में माटी के बर्तन में पानी भी रखना चाहिए।
- घर में प्रवेश करने के बाद सबसे पहले अपने पैरों को फिर हाथों को फिर चेहरे को रोजाना पानी से साफ करना चाहिए इसके बाद घर के अन्य किसी कमरे में प्रवेश करना चाहिए।
- अमावस्या के दिन पितरों के समक्ष दोपहर के समय जल दान करना चाहिए। जातक यह कार्य अपने घर में भी कर सकते हैं। हाथों से जल का दान करते समय यह ध्यान रखें की जमीन पर गिरा हुआ जल नाली में ना जाए।