दुर्गा पंडालों और रामलीला मैदान में सुरक्षा उपाय जरूरी, फायर पुलिस अलर्ट, कविनगर में अति‌रिक्त एग्जिट बनवाया

गाजियाबाद में सतर्कता : दुर्गा पंडालों और रामलीला मैदान में सुरक्षा उपाय जरूरी, फायर पुलिस अलर्ट, कविनगर में अति‌रिक्त एग्जिट बनवाया

दुर्गा पंडालों और रामलीला मैदान में सुरक्षा उपाय जरूरी, फायर पुलिस अलर्ट, कविनगर में अति‌रिक्त एग्जिट बनवाया

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Ghaziabad News : भीड़भाड़ वाली जगहों पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी ठीक नहीं है। ऐसा होने से कोई बड़ा हादसा हो सकता है, लापरवाही त्योहारों के रंग में भंग डाल सकती है। ये बातें चीफ फायर ऑफिसर ( सीएफओ) राहुल पाल ने कहीं। उन्होंने बताया जिले मेंं 130 से अधिक दुर्गा पंडाल स्थापित किए गए हैं रामलीलाओं की संख्या भी 50 के आसपास है। दीवाली मेलों का आयोजन होगा। इन सभी कार्यक्रम स्थलों पर सुरक्षा मानकों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। फायर पुलिस की टीम निगरानी करने में लगी है।

कविनगर में अतिरिक्त एग्जिट बनवाया
सीएफओ राहुल पाल ने बताया कि कार्यक्रम स्थलों पर भीड़ को देखते हुए व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि आपात स्थिति में लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। कविनगर रामलीला समिति ने केवल एक आपात एग्जिट बनाया था, जो वहां आने वाली भीड़ को देखते हुए कम है। रामलीला समिति को नोटिस दिया। नोटिस के बाद कविनगर रामलीला समिति ने एक और आपात एग्जिट तैयार कराया है। सीएफओ ने बताया कि आयोजन अकसर आग से सुरक्षा के उपायों की अनदेखी कर देते हैं, जो कई बार बड़े हादसे का कारण बन जाती है।

रावण दहन को लेकर कड़े निर्देश
फायर पुलिस की ओर से रावण दहन को लेकर कड़े दिशा- निर्देश जारी किए गए हैं। आयोजकों को ‌स्पष्ट निर्देश हैं कि रावण एक सुरक्षित परिधि का निर्माण करने के बाद ही किया जाए। इस परिधि में किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाए।  इसके अलावा आयोजन स्थल में किसी को धूम्रपान करने की इजाजत न दी जाए। इसके लिए प्रवेश द्वार पर ही जांच करने के बाद प्रवेश दिया जाए ताकि कोई व्यक्ति गलती से भी माचिस आदि अंदर न ले जा सके।

आयोजकों को सुरक्षा मानकों का पालन करना होगा
सीएफओ राहुल पाल ने बताया कि फायर पुलिस की टीम लगातार आयोजन स्थलों को निरीक्षण कर रही है। सुरक्षा मानकों की अनदेखी पाए जाने पर आयोजकों को नोटिस दिया जा रहा है और साथ ही मानकों का पालन करते हुए पंडाल स्थापित करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। इन पंडालों में दीये जलाने के अलावा कई बार पटाखे भी फोड़े जाते हैं, जिससे दुर्घटना होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, रोशनी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तार और सर्किट भी आग लगने का खतरा पैदा करते हैं।

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