Big Fraud In Ghaziabad Gang Rented Flats Prepared Fake Documents And Sold Among Themselves And Got Loans Sanctioned And Embezzled Rs 25 Crores
गाजियाबाद में बड़ा फर्जीवाड़ा : गैंग ने किराए पर लिए फ्लैट, फर्जी दस्तावेज तैयार कर आपस में ही बेचे और लोन मंजूर कराकर ढाई करोड़ रुपए की हेराफेरी कर डाली
Tricity Today | नंदग्राम थाना पुलिस की हिरासत में यशोदा।
Ghaziabad News : फर्जीवाड़ा किस हद तक हो सकता है, यह समझना मुश्किल काम है। अब गाजियाबाद में एक गैंग ने ऐसा फर्जीवाड़ा कर डाला कि कोई सोच भी न पाए। मकान कब्जाने और फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर बेचे जाने के मामले तो आपने सुने होंगे, लेकिन फर्जी दस्तावेज तैयार कर फ्लैट बेचना और अपने ही आदमी के नाम पर बैनामा कराकर उस पर भारी भरकर लोन मंजूर करा लेने का सनखेज मामला प्रकाश में आया है। गैंग ने इस तरह से ढाई करोड़ रुपये की हेराफेरी को अंजाम दे डाला। गैंग के नौ शातिरों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। गैंग की एकमात्र महिला यशोदा को पुलिस ने गुरुवार को धर दबोचा।
पति से विवाद में कचहरी जाकर शातिर बन गई यशोदा
अपने पति से विवाद के बाद कोर्ट कचहरी के चक्कर काटते काटते यशोदा इतनी शातिर हो गई कि गैंग के साथ मिलकर वह कभी यशोदा से यशोधरा बनी, कभी सारिका तो कभी रजनी ठाकुर बन गई। हर बार एक नए शख्स की पत्नी बनकर उसने फर्जी नाम से आधार कार्ड बनवाएं, बैंक में खाते खुलवाए और बेखौफ होकर फ्लैटों के बैनामें भी लिखे। गैंग के शातिरों के नाम लोन मंजूर कराकर फ्लैट की कथित स्वामी यशोदा ने फर्जी नामों से खोले गए खातों से रकम निकाल भी ली।
वीवीआईपी एड्रेसेस सोसायटी के फ्लैटों पर हुआ खेल
एसीपी नंदग्राम पूनम मिश्रा ने बताया कि गैंग ने हेराफेरी को यह मोटा खेल राजनगर एक्सटेंशन स्थित वीवीआईपी एड्रेसेस सोसायटी के फ्लैटों की फर्जी रजिस्ट्री कराकर किया। गैंग के सभी सदस्य काफी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं लेकिन यशोदा नाम की शातिर फरार चल रही थी।
दो साल पुराना है मामला
एसीपी पूनम मिश्रा ने बताया कि 9 सितंबर, 2022 को साहिबाबाद में रहने वाली सारिका तुस्यान पत्नी तरुण तस्यान ने नंदग्राम थाना पुलिस को तहरीर दी थी कि मेरे राजनगर एक्सटेंशन स्थित वीवीआईपी सोसायटी में फ्लैट नंबर के- 104 पर कुछ लोगों ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर और बैंक से मिलीभगत से 80 लाख का लोन मंजूर करा लिया है। इसके अलावा इसी सोसायटी के फ्लैट नंबर जे-1107 के स्वामी राजबहादुर के द्वारा भी पुलिस को इसी तरह की सूचना दी गई थी। राजबहादुर के पत्नी रजनी ठाकुर के नाम के उक्त फ्लैट पर 34 लाख से अधिक लोन मंजूर करा लिया गया। नंदग्राम थाना पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच में जुट गई।
मामले में नौ अभियुक्त पहले ही जा चुके हैं जेल
एसीपी ने बताया कि थाना स्तर पर टीमों का गठन कर सर्विलांस व लोकल इनपुट की मदद से गैंग के नौ अभियुक्तों को पूर्व में गिरफ्तार कर लिया गया था, इनमें मुख्य अभियुक्त पुष्पेन्द्र जैन, बुद्धप्रकाश, अंकित फोगाट, विनोद कुमार, अतुल कुमार, विजय कुमार , मुकेश गुप्ता, संदीप कुमार और सोनी शाक्य शामिल हैं। मामले में फरार चल रही 40 वर्षीय यशोदा को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया। यशोदा गुरूवार को को मेरठ रोड पर एएलटी ओवर ब्रिज के पास से गिरफ्तार किया गया है। यशोदा पुत्री पंचमलाल, पत्नी रमेश चंद शर्मा गोविंदपुरी, कंकरखेड़ा, मेरठ की रहने वाली है।
पूछताछ में बताई साजिश की पूरी कहानी
यशोदा उर्फ यशोधरा उर्फ सारिका उर्फ रजनी ठाकुर ने पूछताछ में बताया कि मैं अपनी माँ भागवती के साथ रहती हूँ । मेरे पति से मतभेद होने पर जब कचहरी मेरठ में आने जाने लगी तो मेरी मुलाकात पुष्पेन्द्र जैन निवासी सदर बाजार से हो गयी थी। पुष्पेन्द्र जैन ने मुझे मेरठ कचहरी में फोटो स्टेट की दुकान करने वाले बुद्धप्रकाश से और फिर संदीप से मिलवाया था । हम चारों ने मिलकर फर्जी आईडी तैयाकर कर गाजियाबाद में राजनगर एक्सटेंशन में फ्लैट के फर्जी कागज तैयार कर बेचने की योजना बनायी थी। पुष्पेन्द्र जैन व बुद्ध प्रकाश ने मुझे बताया था कि जो पैसा मिलेगा उसको आपस में बांट लेगे तथा मुझे एक फ्लैट बेचने पर मुझे मोटा मुनाफा देने को कहा था।