Ghaziabad News : सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज (सीजीएसटी) गाजियाबाद में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। मामले में सीजीएसटी अफसरों ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि गाजियाबाद की एक कागजी फर्म ने 621 करोड़ रुपए के फर्जी बिल जारी कर दिए। आरोप है कि सौ से ज्यादा फर्जी फर्मो के नाम जारी इन बिलों के जरिए बड़े पैमाने पर अवैध इनपुट टैक्स का लाभ लिए जाने का लाभ लिया गया है।
लंबे समय से मिल रही थीं फर्म के खिलाफ शिकायतें
अधिकारियों का कहना है कि आरोपी फर्म के बारे में लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं। छत्रपाल शर्मा के द्वारा एएनवीएस नाम की फर्म का संचालन किया जा रहा था। छत्रपाल शर्मा की पत्नी आशा देवी के नाम पर जीएसटी पंजीकरण किया गया था। आरोप है कि छत्रपाल फर्जी इनवॉयस जारी कर इनपुट टैक्स का लाभ ले रहा था और इस काम में गौरव तोमर उसकी मदद करता था।
इनपुट के आधार पर हुई रेड
इस इनपुट के आधार पर बृहस्पतिवार को सीजीएसटी की टीमों ने गौरव तोमर के घर पर रेड कर दी। रेड के दौरान आवास से कई 15 डिजिट वाले यूनिक आईडेंटिफिकेशन (जीएसटीआईएन) मिले। साथ ही टीम ने संबंधित मोबाइल नंबर, ईमेल, ईवे बिल भी बरामद करने का दावा किया है। मौके से अधिकारियों ने भारी मात्रा में दस्तावेज जब्त किए हैं।
फर्जी फर्मों के रैकेट चलाने का हुआ खुलासा
टीम को इतनी संख्या में जीएसटीआईएन बरामद होने से प्रथमृदष्टया यही माना जा रहा है कि गौरव तोमर फर्जी फर्मों का रजिस्ट्रेशन कराने और उनसे नाजायज लाभ उठाने का रैकेट चलता है। जांच में यह भी पता चला है कि एक ही मोबाइल नंबर पर कई- कई कंपनियां रजिटर्ड कराई गई हैं।
कमिश्नर संजय लवानिया कर रहे थे कमांड
छापेमारी की इस कार्यवाही को सीजीएसटी कमिश्नर संजय लवानिया खुद कमांड दे रहे थे, जबकि छापा मारने पहुंची टीम में एडिशनल कमिश्नर आलोक सिंह, ज्वाइंट कमिश्नर अरुण कुमार द्विवेदी और ज्वाइंट कमिश्नर निहारिका लाखा शामिल थे। छापे के दौरान छत्रपाल शर्मा और गौरव तोमर को हिरासत में लेने के बाद मेरठ स्थित स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। जहां से दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने की तैयारी है।