Tricity Today | पुलिस हिरासत में कमरुद्दीन, जानकारी देते डीसीपी राजेश कुमार
Ghaziabad News : नंदग्राम थाना पुलिस ने एक बड़े नटवरलाल को गिरफ्तार किया है। यह लोगों को वर्षों से ठगी का शिकार बना रहा था। शातिर ने अपने मूल जनपद बस्ती में बंद पड़ी चीनी मिल का स्क्रैप बेचने के नाम पर 10 बड़े कबाड़ियों को 20 करोड़ का चूना लगा दिया। इससे पहले अंजाम दिए गए मामले अलग हैं। लखनऊ समेत यूपी के कई जनपदों में इस नटवरलाल के खिलाफ 11 मुकदमें दर्ज हैं। सभी मुकदमें फर्जीवाड़ा कर पैसे हड़पने के मामले में दर्ज हुए हैं। लेकिन एक भी मामले में जेल नहीं गया। डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि पहली बार इस शातिर को गाजियाबाद पुलिस ही गिरफ्तार कर सकी है।
गाजियाबाद के कबाड़ी से ठगे थे एक करोड़
नंदग्राम थानाक्षेत्र निवासी एक कबाड़ी ने इस नटवर लाल के खिलाफ एक करोड़ की ठगी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। बस्ती जिले के एक बंद पड़ी चीनी मिल का स्क्रैप बेचने के नाम यह ठगी की गई थी। अब तक अलग- अलग जनपदों में दर्ज मुकदमों से पता चला है कि आरोपी मिल का स्क्रैप बेचने के नाम पर शातिर करीब 20 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है।
मूलरूप से बस्ती का रहने वाला है यह नटवरलाल
डीसीपी राजेश कुमार ने बताया कि पकड़े गए नटवरलाल का नाम कमरुद्दीन पुत्र जमालुद्दीन है। मूलरूप से बस्ती जिले का रहने वाला कमरुद्दीद लखनऊ के खुर्रम नगर में जी मल्टी ट्रेडिंग एंड सर्विसेज के नाम से अपना आफिस चलाता है। बस्ती जनपद में फैनिल शुगर मिल बंद हो गई थी और उस पर किसानों का काफी पैसा बकाया था। कमरुद्दीन ने इस जानकारी का फायदा उठाया और बड़े कबाडियों से अलग-अलग उक्त मिल के स्क्रैप का सौदा कर लिया। इन कबाड़ियों में मेरठ, कानपुर, राजस्थान और गाजियाबाद के कबाड़ी भी शामिल हैं। नंदग्राम थानाक्षेत्र के हिंडन विहार निवासी कबाड़ी नौशाद पुत्र मेहरइलाही के साथ भी अभियुक्त ने मिल का स्क्रैप दिलाने का ही सौदा किया था।
नौशाद से तीन करोड़ में हुआ था सौदा
कमरुद्दीन खुद को इस मिल का मालिक बताते हुए कहता था कि किसानों का बहुत सारा पैसा चुकाने के लिए स्क्रैप बेचना है। सस्ते में देंगे। नौशाद को भी अभियुक्त ने मिल के फर्जी कागज दिखाते हुुए यही बात कही थी और तीन करोड़ में स्क्रैप का सौदा कर दिया था। सौदे की एबज में नौशाद ने कई बार में 93 लाख, 50 हजार रुपये आरटीजीएस किए और 55 लाख, 88 हजार रुपये नगद दिए। रकम देने के बाद जब नौशाद बताई गई मिल पर पहुंचा तो उसे अपने साथ हुई ठगी का पता चला। उसने कमरुद्दीन से कहा कि मेरी रकम वापस करो। कई बार में तकादा करने के बाद कमरुद्दीन ने नौशाद को 49 लाख, 54 हजार रुपये लौटा दिए थे।
बार-बार तकादा करने पर दी थी जान की धमकी
उसके बाद भी नौशाद ने तकादा जारी रखा। जिस पर कमरुद्दीन ने उसे दुबारा फोन करने पर जान से मारने की धमकी देकर फोन काट दिया। 14 अगस्त को नौशाद ने नंदग्राम थाने में कमरुद्दीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इतनी बड़ी रकम की ठगी की जानकारी मिलने पर पुलिस में हड़कंप मच गया। पुलिस सर्विलांस की मदद से कमरुद्दीन के पीछे लग गई और आखिर रोटरी चौराहे के पास से उसे गिरफ्तार कर लिया।
एमबीए है कमरुद्दीन
डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि 40 साल का कमरुद्दीन पढ़ा लिखा है, उसने एमबीए किया है। पहले वह लखनऊ में ही शेयर ट्रेडिंग का काम करता था, लेकिन कोविड के दौरान उसे काफी नुकसान हो गया था। नुकसान के चलते वह झटके का पैसा कमाने के लिए ठगी करने लगा। लखनऊ और बस्ती समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में उसके खिलाफ जालसाजी के 11 मुकदमें दर्ज हैं, लेकिन पुलिस उसे कभी गिरफ्तार नहीं कर सकी और न ही उसने किसी मामले में कोर्ट में सरेंडर किया। तमाम जनपदों की पुलिस अब इस शातिर से पूछताछ करेगी।
चीनी मिल का स्क्रैप बेचने के नाम पर 10 लोगों से 20 करोड़ ठग चुका
डीसीपी राजेश कुमार ने बताया है कि गाजियाबाद के नौशाद कबाड़ी की ही तरह वह 10 बड़े कबाड़ियों को ठगी का शिकार बना चुका है। ये कबाड़ी कानपुर और मेरठ समेत अल्ग- अलग जनपदों के हैं। यूपी के अलावा अभियुक्त ने राजस्थान में भी स्क्रैप बेचने के नाम पर ठगी की और अब तक दर्ज एफआईआर के मुताबिक वह दस कबाड़ियों से करीब 20 करोड़ रुपये ठग चुका है। किसी से वह खुद मिल मालिक बनकर सौदा करता था तो किसी से बताता कि हमारी कंपनी और मिल के बीच सौदा हो गया है, जबकि मिल से उसका कोई लेना देना नहीं था।