भाजपा ने शुरू किया होमवर्क, अतुल गर्ग के सांसद चुने जाने के बाद सदर सीट खाली

गाजियाबाद विधानसभा उप-चुनाव ः भाजपा ने शुरू किया होमवर्क, अतुल गर्ग के सांसद चुने जाने के बाद सदर सीट खाली

भाजपा ने शुरू किया होमवर्क, अतुल गर्ग के सांसद चुने जाने के बाद सदर सीट खाली

Tricity Today | बैठक में केबिनेट मंत्री सुनील शर्मा का स्वागत करते गाजियाबाद महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा

Ghaziabad News : गाजियाबाद सदर विधानसभा सीट पर उप-चुनाव होना है। दरअसल अतुल गर्ग के सांसद चुने जाने के बाद गाजियाबाद सदर विधानसभा सीट खाली हो गई। भाजपा ने उप-चुनाव के लिए होमवर्क शुरू कर दिया है। इसी सिलसिले में रविवार को महानगर कार्यालय पर एक गोपनीय रणनीतिक बैठक का आयोजन  किया गया। बैठक में एक केबिनेट मंत्री और दो राज्यमं‌त्री, सांसद और संगठन के पदाधिकारियों के अलावा पूर्व सांसद, मंत्री और मेयर भी जुटे। बैठक में साहिबाबाद विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार में केबिनेट मंत्री सुनील शर्मा के अलावा राज्यमंत्री बृजेश सिंह और कपिलदेव शामिल रहे। बैठक में संगठन से क्षेत्रीय महामंत्री हरिओम शर्मा ने भी  ‌शिरकत की। बैठक में पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों  और बूथ अध्यक्षों को भी बुलाया गया था।  

तीन दशकों से भाजपा का गढ़ है गाजियाबाद
गाजियाबाद तीन दशकों से भाजपा का गढ़ रहा है। 2004 लोकसभा चुनाव को छोड़ दें तो 1991 से गायिजाबाद से लगातार भाजपा के सांसद चुने गए हैं। नगर निगम मेयर पर हमेशा भाजपा का कब्जा रहा है, जहां गाजियाबाद सदर विधानसभा सीट की बात है तो 2007, 2017 और 2022 में यह सीट भाजपा की झोली में गई है। 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में गाजियाबाद, मुरादनगर, मोदीनगर, साहिबाबाद और लोनी समेत पांचों सीटें भगवा रंग में रंगी रहीं। 

मतदान गिरा, भाजपा की चिंता बढ़ी
इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत कम होना भाजपा के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। बैठक में सबसे बड़ी चिंता का विषय लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत कम होना रहा। बैठक में कार्यकर्ताओं ने इसके लिए अधिक‌ारियों पर ठीकरा फोड़ने का प्रयास किया। बता दें इस बार गाजियाबाद लोकसभा सीट पर मतदान प्रतिशत 50 प्रतिशत से भी कम रहा जबकि 2019 में यह करीब 56 प्रतिशत था।

अधिकारियों के रूखे व्यवहार से कार्यकर्ता निराश
बेशक लोकसभा चुनाव में भाजपा के अतुल गर्ग ने करीब साढ़े तीन लाख की बढ़त से चुनाव जीता लेकिन 2014 और 2019 में भाजपा प्रत्याशी रहे जनरल वीके सिंह की लीड दोनों बार पांच लाख से ऊपर रही थी, ऐसे में भाजपा की चिंता लाजिमी है, और इसका कारण मतदान प्रतिशत कम होना माना जा रहा है। बैठक में यह बात भी उठी कि इस बार लोकसभसा चुनाव में पन्ना प्रमुखों की सक्रियता उतनी नहीं रही। वहीं स्थानीय पदाधिकारियों में अधिक‌ारियों के व्यवहार को लेकर टीस देखी गई। पदाधिकारियों का कहना था कि कार्यकर्ताओं के प्रति अधिकारियों के रूखे व्यवहार चुनाव में कार्यकर्ताओं के उत्साह की हवा निकालने का काम किया। बैठक में महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा, सांसद अतुल गर्ग, पूर्व सांसद डा. रमेश चंद तोमर, पूर्व मंत्री बालेश्वर त्यागी, पूर्व महापौर आशु वर्मा और आशा शर्मा के अलावा सरदार एसपी सिंह आदि शामिल रहे।

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