Ghaziabad News : गाजियाबाद से एक बहुत ही सनसनीखेज खबर सामने आ रही है। जिला महिला अस्पताल की एचआईवी काउंसलर के मुताबिक चार साल में 68 गर्भवती एचआईवी पॉजिटव मिली हैं। इसमें भी चौंका देने वाला तथ्य यह है कि करीब एक तिहाई ने अपने शरीर पर टैटू बनवाया हुआ था। इन महिलाओं ने यह भी बताया कि टैटू बनवाने के बाद से ही उनकी तबियत बिगड़नी शुरू हुई थी। हालांकि जिला महिला अस्पताल में इन सभी महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया है, लेकिन यह आंकड़े चौंकाने वाले हैं।
हेपेटाइटिस के मामले मिले सात गुने
स्वास्थ्य विभाग से मिले डेटा के मुताबिक चार वर्षों में गर्भवती महिलाओं की जांच के दौरान 485 हेपेटाइटिस से संक्रमित मिली हैं। हेपेटाइटिस का संक्रमण भी ब्लड ट्रांसफ्यूजन से होता है। सबसे ज्यादा 185 गर्भवती 2023 में हेपेटाइटिस से संक्रमित पाई गईं। 2021 में यह संख्या 99 और 2022 में 152 थी। 2024 में अब तक 49 गर्भवती हेपेटाइटिस संक्रमित पाई गई हैं।
टैटू बनाने में होता है निडिल का इस्तेमाल
एचआईवी काउंसलर उमा सिंह का कहना है कि टैटू बनाने के लिए निडिल का इस्तेमाल किया जाता है। टैटू बनाने वाला एक ही निडिल से कई लोगों के शरीर पर टैटू बनाता है तो ऐसे में ब्लड ट्रांसफ्यूजन की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता और एचआईवी क्या, हेपेटाइटिस जैसी तमा गंभीर बीमारियां, जो ब्ल्ड ट्रांसफ्यूजन से होती हैं, उनके संक्रमण का खतरा काफी बढ़ जाता है।
हर साल 15 से 20 संक्रमित आ रहीं सामने
एचआईवी काउंसलर उमा सिंह ने बताया कि डेटा पर बात करें तो हर साल औसतन 17 गर्भवती एचआईवी संक्रमित मिल रही हैं। ध्यान रहे कि यह डेटा केवल जिला महिला अस्पताल पहुंचने वाले गर्भवती महिलाओं का है। दरअसल जिला महिला अस्पताल में हर गर्भवती की प्रसव पूर्व टीबी, एचआईवी और शुगर आदि की जांच की जाती है। महिलाओं के एचआईवी संक्रमित होने की बात करें तो यह डेटा और भी डरावना हो सकता है।
टैटू का शौक बांट रहा संक्रमण
एचआईवी काउंसलर ने बताया कि यदि कोई महिला एचआईवी संक्रमित पाई जाती है तो उसकी काउंसलिंग की जाती है। काउंसलिंग के दौरान संक्रमित को सावधानियों के बारे में तो बताया ही जाता है, यह भी पता करने का प्रयास किया जाता है कि उन्हें संक्रमण कैसे लगा होगा। चार साल में सामने आईं 68 एचआईवी संक्रमित में से 20 गर्भवती इस संक्रमण को टैटू से जोड़कर देखती हैं। उन्होंने सड़क किनारे टैटू बनवाया था और उसके बाद शरीर में बदलाव भी महसूस किए थे।
अलग सुई इस्तेमाल करने को बोलें
जिला महिला अस्पताल की डा. शैफाली अग्रवाल कहती हैं कि एक ही निडिल कई लोगों पर इस्तेमाल करना गलत है। यदि आपको टैटू का शौक है तो यह सुनिश्चत करना न भूलें कि आपके शरीर पर इस्तेमाल होने वाली सुई किसी अन्य शरीर पर इस्तेमाल नहीं की गई है। क्योंकि सुई यदि किसी संक्रमित को इस्तेमाल की गई सुई से दूसरी महिला या पुरुष के शरीर पर टैटू बनवाया गया तो ब्लड ट्रांसफ्यूजन से संकमण का काफी खतरा रहता है।