पीएम की उम्मीदों पर खरे उतरे जनरल वीके सिंह, फिर बने सरकार के संकटमोचक

Ghaziabad News : पीएम की उम्मीदों पर खरे उतरे जनरल वीके सिंह, फिर बने सरकार के संकटमोचक

पीएम की उम्मीदों पर खरे उतरे जनरल वीके सिंह, फिर बने सरकार के संकटमोचक

Tricity Today | पीएम की उम्मीदों पर खरे उतरे जनरल वीके सिंह

Ghaziabad News : उत्तरकाशी टनल हादसे में पिछले 17 दिनों से फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए 24 घंटे चला उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन आखिरकार सफल हो गया। केंद्रीय राज्य मंत्री एवं स्थानीय सांसद जनरल वीके सिंह की अगुवाई में चला यह पहला सफल ऑपरेशन नहीं है, इससे पहले भी कई मौकों पर वे सरकार के लिए संकटमोचक साबित हुए हैं। देश में जब कोई आपदा वाली स्थिति बनती है, तब प्रधानमंत्री जनरल वीके सिंह पर भरोसा करते हैं और हर बार वह प्रधानमंत्री के भरोसे पर खरे उतरे हैं। 

कई बार देश को संकट से बचाया
सरकार पर जब संकट आया, जनरल वीके सिंह संकटमोचन की भूमिका में खड़े दिखाई दिए हैं। उन्हें यूं ही संकटमोचक का खिताब नहीं मिला है। वर्ष 2015 में जब यमन में चार हजार भारतीय फंस गए थे तो उन्हें सुरक्षित भारत वापस लाने के लिए ऑपरेशन अजय चलाया गया था। उस समय विदेश राज्यमंत्री रहे जनरल वीके सिंह सरकार की उम्मीदों पर खरे उतरे और ऑपरेशन को सफल बनाते हुए लोगों को एयरलिफ्ट कर सकुशल भारत वापस कराया था। इसके बाद दक्षिण सूडान में हुए गृह युद्ध के कारण वहां भारतीय नागरिक फंस गए। तब भी जनरल वीके सिंह का विश्व की सबसे बड़ी भारतीय सेना के पूर्व अध्यक्ष होने का अनुभव काम आया। तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस 'ऑपरेशन संकट मोचक' की कमान जनरल वीके सिंह को सौंपी थी और उनके भरोसे पर सफल उतरते हुए वह सभी भारतीयों को सुरक्षित लेकर लौटे थे। इस ऑपरेशन के बाद सुषमा स्वराज ने स्वयं ही जनरल वीके सिंह को संकटमोचन की उपाधि से नवाजा था।

सुषमा स्वराज ने दी थी उपाधि
गाजियाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान सुषमा स्वराज ने जनरल वीके सिंह को सरकार का संकट मोचन बताया था। हाल ही में इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के दौरान इजराइल में फंसे हुए भारतीयों को वापस लाने का जिम्मा वीके सिंह को दिया गया था। वीके सिंह के कुशल निर्देशन में ही यह संभव हुआ कि युद्ध के बीच भारतीयों को सुरक्षित बाहर लाया जा सका। एयरपोर्ट पर आने के बाद रेस्क्यू करके लाए गए लोगों ने वीके सिंह का आभार जताया था। अब दीपावली वाले दिन जब टनल हादसा हुआ तो सरकार के आगे 41 लोगों की जिंदगी का संकट आ गया। सरकार ने एक बार फिर ऑपरेशन की कमान जनरल वीके सिंह को देकर उत्तरकाशी भेजा। पिछले कई दिनों से वे वहीं डेरा डाले हुए थे। उनके निर्देशन में जिंदगियों को बचाने का काम चल रहा था। एक बार फिर उनकी अगुवाई में ऑपरेशन सफल हुआ और मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सका। गाजियाबाद के लोग जनरल वीके सिंह के मुरीद हैं। साथ ही कई सफल ऑपरेशन के बाद वे देश की जनता के लोकप्रिय नेता भी बन चुके हैं।

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