पीपीपी मॉडल पर होंगे चकाचक, एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी, वाई- फाई, एसी वेटिंग रूम और भी बहुत कुछ

गाजियाबाद के तीन बस अड्डों का कायाकल्प : पीपीपी मॉडल पर होंगे चकाचक, एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी, वाई- फाई, एसी वेटिंग रूम और भी बहुत कुछ

पीपीपी मॉडल पर होंगे चकाचक, एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी, वाई- फाई, एसी वेटिंग रूम और भी बहुत कुछ

Tricity Today | Kaushambi Bus Station

Ghaziabad News : गाजियाबाद के तीनों बस अड्डे  बनावट और सुविधाओं के हिसाब से हवाई अड्डों से मुकाबला करेंगे। मतलब अभी तक वीरान और इधर-उधर पान मसाले की पीक से अटे पड़े बस अड्डों को ऐसा चकाचक करने की योजना है कि आपके जूतों के निशान भी दूर से चमकेंगे। कौशाबी बस अड्डे का जीर्णोद्धार पीपीपी मॉडल पर करने की तैयारी है। इसके लिए कंपनी भी मिल गई, जो 261 करोड़ रुपये खर्च कर इसे अत्याधुनिक विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस करेगी। कौशांबी डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक शिव बालक का कहना है कि यूपीएसआरटीसी को यह बस अड्डा 18 माह के लिए खाली करके देना है। बसों के संचालन के ‌लिए वै‌कल्पिक जगह तलाशी जा रही है।

अत्याधुनिक बस अड्डे में होंगी ये सुविधाएं
अत्याधुनिक बस अड्डा बनने पर यहां यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं रहेंगी। बस देखने के लिए बड़ी एलईडी स्क्रीन लगेंगी। यात्री स्क्रीन पर अपने शहर की बस चलने का समय देख सकेंगे। यात्रियों को ठहरने के लिए विश्रामालय व बैठने के लिए यात्री हाल की समुचित व्यवस्था होगी। साथ ही बेहतर कनेक्टिविटी के लिए वाई-फाई भी लगेगा। यहां विभिन्न तरह के आउटलेट्स की सुविधा भी रहेगी। इसके लिए दुकानें बनाई जाएंगी।

25 पेड़ काटने के लिए वन विभाग से मांगी मंजूरी
गाजियाबाद के तीन बस अड्डों में कौशांबी बस अड्डा परिसर सबसे बड़ा है। यह 24, 284 वर्गमीटर में फैला है। दिल्ली की सीमा से सटे इस बस अड्डे से रोजाना लंबे रूट की 400 बसों का संचालन किया जाता है। कौशांबी बस अड्डे के जीर्णोद्धार के लिए परिसर में आ रहे 25 पेड़ काटने होंगे। इसके ल‌िए यूपीएसआरटीसी ने वन विभाग से मंजूरी के लिए आवेदन किया है। वन विभाग इन पेड़ों को काटने के बदले मुआवजा राशि तय करेगा। उसके बाद  यूपीएसआरसी की ओर से मुआवजा राशि जमा कर परिमिशन प्राप्त की जाएगी।

बसों के संचालन के लिए तलाशी जा रही वैकल्पिक जगह
यूपीएसआरटीसी को यह बस अड्डा जीणोद्धार के लिए निजी कंपनी को हैंडओवर करना है। कंपनी ने इसके लिए 18 माह का समय मांगा है। बस अड्डा खाली करने के यूपीएसआरटीसी को वैकल्पिक जगह की तलाश है। इसके लिए यूपीएसआरसी ने अर्थला में जीटी रोड किनारे खाली पड़ी जमीन के लिए गाजियाबाद नगर निगम से संपर्क भी किया था, लेकिन नगर निगम के द्वारा किराए के रूप में मांगी गई राशि अधिक होने के कारण बात नहीं बन सकी।

आनंद वि‌हार बस अड्डे के विकल्प पर किया जा रहा विचार
यूपीएसआरसी  डेढ़ साल के लिए बसों का संचालन आनंद विहार बस अड्डे से करने पर भी विचार कर रही है लेकिन उसमें सबसे बड़ी परेशानी यह आ रही है कि आनंद विहार बस अड्डे को मेंटेनेंस शुल्क का भुगतान करने के टिकट की कीमत में करीब 30 रुपये की बढोत्तरी करनी पड़ेगी। अभी वैकल्पिक बस अड्डे के लिए कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। यह दोनों अड़चन दूर होने के बाद कौशांबी बस अड्डा निजी कंपनी को हैंडओवर कर दिया जाएगा। कौशांबी बस अड्डे से दोबारा से बसों का संचालन शुरू होने में 18 माह का समय लगेगा।

61 करोड़ से चमकेगा पुराना बस अड्डा
गाजियाबाद बस अड्डे का निर्माण पीपीपी मोड (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के अंतर्गत किया जा रहा है। 10 हजार वर्गमीटर में फैला यह गाजियाबाद का सबसे पुराना और छोटा बस अड्डा है। ओमेक्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बस अड्डे का निर्माण 61 करोड़ रुपये से करेगी। शुरूआत में कंपनी को मार्च 2025 तक निर्माण कार्य पूरा करना था, लेकिन बसें शिफ्ट करने मे हुई देरी के चलते अब यह बस अड्डा मार्च 2026 तक बनकर तैयार होगा। बता दें कि पुराना बस अड्डा से संच‌ालित बसों को अस्थाई रूप से साहिबाबाद डिपो पर शिफ्ट किया गया है।

साहिबाबाद डिपो बस पर अड्डे खर्च होंगे 161 करोड़
15,000 वर्ग मीटर में फैले साहिबाबाद डिपो बस अड्डे का जीर्णोद्धार करने के लिए 161 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस बस अड्डे को भी पीपीपी मॉडल पर अत्याधुनिक बनाया जाएगा। बस अड्डे की साहिबाबाद आरआरटीएस स्टेशन से भी कनेक्टिविटी होगी। फिलहाल पुराना बस अड्डा से संचालित हो रही बसों को संचालन भी यहां से किया जा रहा है।

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