Ghaziabad News : गाजियाबाद जिला न्यायालय परिसर में 29 अक्टूबर को वकीलों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पहुंच गया है। मानवाधिकार कार्यकर्ता एडवोकेट विष्णु कुमार गुप्ता ने मामले में आयोग को शिकायत भेजकर कार्रवाई की मां गई है। उन्होंने आयोग को भेजी शिकायत में कहा है कि अदालत की कार्यवाही के दौरान जिला जज द्वारा पुलिस बुलाए जाने और बेकसूर अधिवक्ताओं के ऊपर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने का मामला बेहद गंभीर है।
अधिवक्ताओं की स्वायत्तता पर कुठाराघात
मानवाधिकार कार्यकर्ता एडवोकेट विष्णु कुमार गुप्ता ने कहा है कि अधिवक्ता की भी अपनी मान मर्यादा है, वह ऑफिसर ऑफ द कोर्ट होता है। इस घटना से अधिवक्ताओं के अधिकारों, मान सम्मान, मर्यादा का हनन हुआ है। भरी अदालत में पुलिस द्वारा अधिवक्तागणों पर लात, घूंसे चलाना, लाठी बरसाना अधिवक्ताओं की स्वायत्तता पर कुठाराघात है, और इस प्रकार से अधिवक्तागण स्वतंत्र रूप से अपना कार्य नहीं कर पाएंगे।
पुलिस के लिए रेगुलेशन हेतु आदेश दे आयोग
एडवोकेट विष्णु कुमार गुप्ता की ओर से मानवाधिकार आयोग को भेजी गई याचिका में इस संबंध में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार को आदेशित करने की प्रार्थना की गई है। प्रार्थना में कहा गया है कि भविष्य में उक्त प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति ना हो और अधिवक्तागण निर्बाध रूप से कोर्ट रूम में अपना न्यायिक कार्य कर सकें, इस संबंध में पुलिस के लिए रूल्स- रेगुलेशन बनाए जाएं।
घायल अधिवक्ताओं को 10-10 लाख
एडवोकेट विष्णु कुमार गुप्ता की ओर से मानवाधिकार आयोग को भेजी गई याचिका में घटना में घायल प्रत्येक अधिवक्ता को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए जाने की मांग की है। घायल अधिवक्ताओं का सामाजिक न्याय के तहत प्रतिष्ठित अस्पताल में राज्य सरकार की ओर से मुफ्त इलाज कराया जाए।